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राष्ट्रपति बोले - आईआईटी-हैदराबाद को चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए रहना होगा प्रासंगिक

Update: 2018-08-05 12:59 GMT

नई दिल्ली/हैदराबाद। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति 21वीं सदी की पटकथा लिखेगी और इसके लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद को प्रासंगिक बने रहना होगा।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आईआईटी-हैदराबाद के 7वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि 1950 और 1960 के दशक से आज स्थितियां अलग हैं। भारत बदल गया है प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग का बहुत अनुशासन विकसित हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी आकांक्षाएं अब भारी औद्योगिक आधार तक सीमित नहीं हैं, जिन्हें हमने छह दशक पहले बनाया था। इसके बजाय आईआईटी हैदराबाद को चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए प्रासंगिक रहना है, जो 21वीं शताब्दी की पठकथा लिखेगी।

उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि इस संस्थान में उद्यमिता के अनुसंधान और प्रचार के लिए केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने की एक शुरुआत की गई है। राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वोत्तम विज्ञान विश्वविद्यालय और संस्थान सिर्फ शिक्षा की दुकानें या डिग्री कारखाने नहीं हैं। असल में वह नवाचार, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप के पोषक हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि हैदराबाद में वैज्ञानिक खोज और आवेदन की लंबी परंपरा है। हैदराबाद में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन सहित 19 अनुसंधान सुविधाएं और प्रयोगशालाएं हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से इनमें से कई संस्थाएं उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।

इससे पहले राष्‍ट्रपति ने तेलंगाना में पौधरोपण अभियान में हिस्सा लिया और सिकंदराबाद के निलायम में पीपल का पौधा लगाया जबकि उनकी पत्‍नी सविता कोविंद ने कदंब का पौधा लगाया।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति कोविंद 4 अगस्त की शाम को तेलंगाना पहुंचे थे। वह 7 अगस्त तक दक्षिण भारत के तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल राज्यों के दौरे पर हैं।

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