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पीएमसी संकट : खाताधारकों को उच्चतम न्यायालय से नहीं मिली राहत, पढ़े पूरी खबर

Update: 2019-10-18 06:52 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संकट से घिरे पंजाब एण्ड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक से नगदी निकालने पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे इसके खाताधारकों की अपील पर विचार करने से मना कर दिया। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही कहा कि पीएमसी बैंक के खाताधारक राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकते हैं। न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना, आर सुभाष रेड्डी और बी. आर. गवई की पीठ ने यह आदेश दिया। पीएमसी मामले में विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच बैंक से संबंधित एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार (18 अक्टूबर) को सुनवाई करने पर राजी हुआ था।

यह याचिका पीएमसी बैंक में पड़ी खाताधारकों की जमाराशि की सुरक्षा के वास्ते तुरंत अंतरिम उपाय किये जाने के बारे में निर्देश देने को लेकर दायर की गई है। उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमति जताई थी। पिछले दिनों कम से कम तीन मौतें हुई हैं जिनका जुड़ाव पीएमसी बैंक से बताया गया है। इसी घटनाक्रम को देखते हुये उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।

न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना, आर सुभाष रेड्डी और बी. आर. गवई की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया था। पीठ ने कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा याचिका पर तुरंत सुनवाई का आग्रह किये जाने के बाद रजिस्ट्री को मामले को उचित पीठ के समक्ष शुक्रवार 18 अक्टूबर 2019 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया था।

दिल्ली स्थित बिजोन कुमार मिश्रा ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक को यह निर्देश दिया जाना चाहिये कि राष्ट्रीयकृत बैंकों सहित विभिन्न सहकारी बैंकों में रखी खाताधारकों की खून पसीने की कमाई की पूरी तरह से सुरक्षा और बीमा होना चाहिये। इसके लिये बैंकों में जमा राशि की शत प्रतिशत सुरक्षा के लिये उचित उपाय और बीमा कवरेज सुनश्चित किया जाना चाहिये। याचिका में जमा राशि की निकासी की सीमा तय किये जाने संबंधी रिजर्व बैंक की अधिसूचना को भी निरस्त करने का आग्रह किया गया है। 

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