जीवन में असफलताओं से निराश न हों बल्कि उन्हें दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करें : पीएम मोदी
बेंगलुरू। भारत का चंद्र मिशन असफल होने के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को प्रोत्साहन किया। शनिवार तड़के लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया जिसके बाद सभी निराश हो गए लेकिन प्रधानमंत्री ने यहां अंतरिक्ष केंद्र में देश भर से आए लगभग 70 छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें इस निराशा के बीच जीवन में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।
एक अधिकारी ने बताया कि मोदी ने स्कूलों और कॉलेजों के लड़कों और लड़कियों से पूछा कि क्या वे दोस्त बनाते हैं और एक-दूसरे से बहुत कुछ सीख चुके हैं। उन्होंने उनसे यह भी पूछा कि जब चंद्रयान -2 मिशन के असफल होने के बाद जब घर जाएंगे तो क्या बताएंगे। जवाब में, उनमें से कुछ ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे कहेंगे कि मिशन लगभग सफल था, लेकिन चंद्रमा के सतह पर उतरने से ठीक पहले विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छात्रों को विक्रम और रोवर प्रज्ञान को चांद पर उतरते देखने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन यह मिशन असफल हो गया। अधिकारी ने कहा कि प्रत्येक राज्य के दो छात्रों और उनमें से कुछ भूटान के छात्रों को अंतरिक्ष संबंधी ऑनलाइन क्विज के आधार पर इसरो केंद्र की यात्रा के लिए चुना गया था। प्रधानमंत्री ने छात्रों से यह भी कहा कि वे जीवन में असफलताओं से निराश न हों बल्कि उन्हें दूर करने के लिए कड़ी मेहनत करें।