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पर्रिकर सर्जिकल स्ट्राइक के रहे हीरो, देश की रक्षा का संभाला जिम्मा

Update: 2019-03-18 13:40 GMT

नई दिल्ली। मनोहर पर्रिकर को देश की रक्षा की कमान 9 नवंबर 2014 को सौंपी गई थी। इस पद पर मनोहर पर्रिकर 13 मार्च 2017 तक रहे। उनके कार्यकाल में भारतीय सेना ने म्यांमार की धरती पर जाकर आतंकियों का सफाया किया था। पर्रिकर के कार्यकाल में पाकिस्तान पर पहली सर्जिकल स्ट्राइक भी की गई।

उनके निधन के बाद यूपी के अमरोहा के चित्रकार मोहम्मद जुहैब ने उन्हें अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी। जुहैब ने पर्रिकर का एक चित्र बनाते हुए उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक का हीरो बताया।

मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल में सबसे बड़ी कामयाबी के रूप में सर्जिकल स्ट्राइक को देखा जाता है। जब हमारे भारत के जांबाजों ने 29 सितंबर 2016 को पाक सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। भारतीय सेना के जांबाजों ने एलओसी पार करके गुलाम कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के ट्रेनिंग कैंपों पर हमला किया था।

जांबाजों ने आतंकियों को सिर्फ मौत के घाट ही नहीं उतारा था, बल्कि सुरक्षित वापस भी लौट आए। इसके अलावा मणिपुर में 4 जून 2015 को एनएससीएन-के उग्रवादी संगठन द्वारा भारतीय सेना की 6 डोगरा रेजीमेंट पर हमला किया गया था।

मणिपुर के चंदेल जिले में हुए हमले में भारतीय सेना 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 8 जून को मनोहर पर्रिकर के निर्देश पर सुबह ही म्यांमार सीमा पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया और 70-80 उग्रवादियों को मार गिराया था। 

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