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पाक में आतंकियों का कार्यालय हाफिज सईद ने खोला चुनावी दफ्तर

मुंबई में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भले ही दुनिया के लिए खूंखार आतंकी हो, लेकिन पाकिस्तान में उसके रसूख में कोई कमी नहीं है

Update: 2018-06-23 06:08 GMT

नई दिल्ली | मुंबई में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भले ही दुनिया के लिए खूंखार आतंकी हो, लेकिन पाकिस्तान में उसके रसूख में कोई कमी नहीं है और आतंकी गतिविधियों की बदौलत अपनी छवि का फायदा वह वहां हो रहे आम चुनाव में उठाने की फिराक में है। पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और चुनाव में वहां की राजनीतिक पार्टियां हिस्सा तो ले रही हैं तो वहीं हाफिज सईद जैसा कुख्यात आतंकी भी चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी कर संसद में अपनी पहुंच बनाने की फिराक में है। सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद और दामाद हाफिद खालिद वालीद चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

गृहनगर से बेटा चुनाव मैदान में

हाफिज सईद के आतंकी संगठन जेयूडी के समर्थन में कुल 265 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें 80 नेशनल असेंबली और 185 प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार शामिल हैं। इन उम्मीदवारों में उसका बेटा और दामाद भी शामिल हैं जिसका नामांकन चुनाव अधिकारी ने स्वीकार कर लिया है। आतंकी का बेटा तल्हा लाहौर से 200 किलोमीटर दूर सरगोधा के एन 91 सीट से चुनाव लड़ रहा है, जबकि दामाद खालिद वालिद लाहौर में एन 133 सीट से अपनी किस्मत आजमा रहा है। सरगोधा हाफिज सईद का गृह नगर है।

265 उम्मीदवारों को समर्थन

हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के समर्थन से कई 265 उम्मीदवार चुनावी ताल ठोक रहे हैं, जिसमें उसका बेटा और दामाद भी शामिल हैं। यह तब है जब अमेरिका ने उसकी आतंकी गतिविधियों के कारण उसे पकडऩे के लिए 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। लेकिन इन सबसे बेफिक्र हाफिज सईद चुनावी गतिविधियों में शामिल है। उसने अपने प्रशंसकों के साथ इस्लामाबाद में संसदीय क्षेत्र एनए 53 (नेशनल असेंबली 53) में जमात उद दावा (जेयूडी) समर्थित उम्मीदवार के चुनावी दफ्तर का उद्घाटन किया। इस दौरान हाफिज के साथ अब्दुल रहमान मक्की भी साथ था जो जेयूडी में सेकेंड कमांड है और खुद एक खूंखार आतंकी भी है। साथ ही इस कुख्यात आतंकी का बेट तल्हा सईद एन 91 सरगोधा सीट से चुनाव लड़ रहा है और अब पिता-पुत्र दोनों का बाकायदा एक साथ चुनावी पोस्टर भी वहां की सड़कों पर दिखाई दे रहा है। हाफिज अपने बेटे तल्हा के लिए चुनाव प्रचार कर रहा है।

हाफिज हुआ कंगाल, आतंकियों से कराएगा नौकरी

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका हाफिज सईद के साथ मिलकर हमेशा नई-नई साजिश रचते रहते हैं। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान अब लश्कर के आतंकियों को फंड मुहैया कराने के लिए नई चाल चल रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के पास इस समय अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते फंड की कमी है। फंड जुटाने के लिए हाफिज सईद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में चल रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर यानि सीपीईसी प्रोजेक्ट में अपने टेक्नोक्रेट लगाकर पैसे कमाने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए बाकायदा हाफिज सईद ने आईएसआई की मदद लेकर 26/11 के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की को प्रोफेसर के तौर पर नियुक्त किया है। जो पाक अधिकृत कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में 300 टेक्नोक्रेट यानी लश्कर और जमात-उद-दावा के लोगों को ट्रेंड करेगा। कोर्स कराए जाने के बाद इन्हें चीन की मदद से बन रहे पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर में नौकरी करने को कहा गया है। 300 पाकिस्तानी इंजीनियर जिन्हें आने वाले दिनों में बैक डोर से चीन के द्वारा बनाए जा रहे सीपीईसी प्रोजेक्ट में भर्ती कराया जाएगा। इसके जरिए पैसे का एक हिस्सा जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को दिया जाएगा।

बता दें कि लश्कर इन दिनों पाकिस्तानी इंजीनियर्स के बैच को मैनेजमेंट कोर्स करा रहा है। एजेंसियों के मुताबिक, लश्कर आतंकी और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान मक्की को लश्कर का ये कोर्स कराने की जिम्मेदारी दी गई है। कोर्स करने के बाद इन इंजीनियर को लश्कर के एक और सेंटर एबटाबाद में भेजा जाएगा। जहां पर उन्हें कुछ महीनों की फिजिकल ट्रेनिंग दी जाएगी। कोर्स कराए जाने के बाद इन्हें चीन की मदद से बन रहे पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानि सीपीईसी में नौकरी करने को कहा गया है। 300 पाकिस्तानी इंजीनियर्स को सीपीईसी से जुडऩे को कहा गया है, जिन्होंने आतंकी संगठन से ट्रेनिंग ली है।

यही नहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई हाफिज सईद के जमात-उद-दावा को पूरी शह देने के लिए कई कदम उठा रहा है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान छोटे-छोटे ट्रस्ट बनाकर जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा को फंड जुटाने में मदद कर रहा है।

हाल ही में जमात-उद-दावा ने कई छोटे- छोटे ट्रस्ट (अल इमाम नाम का ट्रस्ट बनाया है) बनाकर कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए पैसा जुटा रहा है। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान में जमात-उद-दावा के कई ट्रस्ट पर आर्थिक प्रतिबंध लगा हुआ है। जिसके चलते ना तो उससे पैसा निकाल सकता है और ना ही कहीं पैसा भेज सकता है। यही वजह है कि हाफिज सईद और उसके गुर्गे नए छोटे- छोटे ट्रस्ट बनाकर पैसा जुटाने की फिराक में हैं।




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