नई दिल्ली। बजट के बाद संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार आने वाले समय में आयकर में दी जाने वाली सभी तरह की रियायतें समाप्त कर सकती है। बता दें वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी। करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं।
इसके तहत , 2.5 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त रहेगी। 2.5 से पांच लाख तक की आय पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगेगा , लेकिन 12,500 रुपये की राहत बने रहने से इस सीमा तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
पांच से साढ़े सात लाख रुपये तक की आय पर 10 प्रतिशत , साढ़े सात से 10 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत , 10-12.5 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 12.5 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत की दर से आयकर का प्रस्ताव है। पंद्रह लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत की दर से आयकर लगेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव से सरकारी खजाने को सालाना 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में छूट और कटौतियों की करीब 100 व्यवस्थाएं हैं। नई सरल कर व्यवस्था में 70 तरह की छूट और कटौतियों को हटाने का प्रस्ताव है। आगे चलकर शेष बची छूट और कटौती पर समीक्षा और जांच - पड़ताल की जाएगी। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि नई कर प्रणाली को अपनाने से सालाना 15 लाख रुपये की आय कमाने वाले को 78,000 रुपये की बचत होगी।
नए टैक्स सिस्टम में इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 24 के तहत मिलने वाले सभी छूट का फायदा खत्म हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि 80C के तहत अभी तक आप LIC, PPF, NSC, यूलिप, ट्यूशन फीस, म्यूचुअल फंड ELSS, पेंशन फड, होम लोन, बैंकों में टर्म डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस में 5 साल के डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करके जो टैक्स छूट का फायदा लेते थे वह खत्म हो जाएगा। 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस पर भी टैक्स छूट छोड़ना होगा।