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नासा धरती और चांद के बीच की दूरी को मापेगा, जानें

Update: 2019-05-16 06:13 GMT

बेंगलुरु। भारत की ओर से जुलाई में भेजे जाने वाले दूसरे चंद्र अभियान में 13 पेलोड होंगे । इनमें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का भी एक उपकरण होगा। इस उपकरण के माध्यम से धरती और चांद की बीच दूरी को नापा जाएगा।

इसरो ने चंद्र मिशन के बारे में बताया कि इसमें 13 भारतीय पेलोड (ऑर्बिटर पर 8, लैंडर पर 3 और रोवर पर 2 व नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट उपरकण होगा। इस उपकरण के माध्यम से नासा धरती और चांद के बीच की दूरी को मापेगा।

चंद्रयान-2 में तीन मॉड्यूल (विशिष्ट हिस्से) ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं। चंद्रयान-2 पिछले चंद्रयान-1 मिशन का उच्च संस्करण बताया जा रहा है। चंद्रयान-1 अभियान करीब 10 साल पहले किया गया था। इसके बारे में बताया जा रहा है कि 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च कर दिया जाएगा और यह 6 सितंबर 2019 तक चंद्रमा तक पहुंचेगा।

चंद्रयान-2 का चांद से 100 किलोमीटर के ऊपर चक्कर लगाते हुए लैंडर और रोवर से जानकारी लेकर इसरो भेजना का कार्य करेगा। इसमें 8 पेलोड हैं। साथ ही इसरो से भेजे गए कमांड को लैंडर और रोवर तक पहुंचाएगा।

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