आतंकियों के मोबाइल से खुलेगी जैश-ए-मोहम्मद की साजिश

Update: 2019-02-22 11:07 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सहरानपुर जनपद के देवबंद से गिरफ्तार दो आतंकियों के मोबाइल को एटीएस ने कब्जे में ले लिया। सूत्रों की माने तो जैश-ए-मोहम्मद ने इन दोनों को यूपी में क्यों भेजा था। इनका मकसद क्या था और इनकी मदद करने वाले कौन-कौन शामिल है, इन सब से जल्द ही एटीएस पर्दा उठायेगी।

इस ऑपरेशन में स्वयं शामिल हुए एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि जांच एजेंसी से मिली जानकारी पर शुक्रवार देर रात एक हॉस्टल में छापेमारी करके दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। कई घंटों की पूछताछ पर पकड़े गए युवक शहनवाज तेली ने बताया कि वह मूलतः जम्मू कश्मीर के कुलगाम जनपद के नूनमई यारीपुरा का रहने वाला है। दूसरे युवक आकिब अहमद मलिक ने बताया कि वह जम्मू कश्मीर के पुलवामा में रहता है। एटीएस के मुताबिक शहनवाज आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सक्रिय सदस्य है। आकिब देवबंद में बिना दाखिले के पढ़ाई की आड़ में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए आतंकी तैयार करने का प्रयास कर रहा था। इनके पास 32 बोर पिस्टल, 30 जिंदा कारतूस और मोबाइल मिले हैं। मोबाइल में आतंकी संगठन से जुड़े कई ग्रुप मिले हैं, जिसमें जेहादी वीडियो, चैट और फोटो हैं।

सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार शहनवाज अहमद तेली व आकिब मलिक पुलवामा के रहने वाले हैं। दोनों आतंकी संगठन जैश के लिए काम करते हैं। शहनवाज को हेड ग्रेनेड का एक्सपर्ट माना जाता है, जो ग्रेनेड कैसे लांच किया जाता है लॉबी किया जाता है। इसका वह एक्सपर्ट है। दो दिन पहले कानपुर के पास बर्राजपुर रेलवे स्टेशन पर कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन में धमाके के बाद जैश-ए-मोहम्मद का पत्र मिलने के मामले में एटीएस पूरी तरह से अलर्ट थी। इसी के तहत सहारनपुर जनपद के खानाकाह के निकट नाज मंजिल में छापेमारी कर एटीएस ने एक संदिग्ध युवक समेत 12 छात्रों को हिरासत में लिया है। आकिब बिना प्रवेश के छात्र के रुप में पढ़ाई कर रहा था। वह भी जैश के लिए काम कर रहा था। शहनवाज आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के लिए काम करता है। वह अपने आकाओं के आदेश को पालन करते हुए नये युवकों को लालच देकर आतंकी संगठन में जोड़ने का काम करता है।

मोबाइल से खुलेंगे कई राज

देवबंद से गिरफ्तार किये दोनों आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार कर सहानपुर की कोर्ट में पेश किया है। यहां से उनकी ट्रांजिट रिमांड पर लेकर लखनऊ लाया जायेगा। इसके बाद उनसे पूछताछ करके सारी साजिश का पर्दाफाश किया जायेगा। एटीएस के सूत्रों की माने तो दोनों आतंकियों के पास से मिले मोबाइल में ऐसे प्रमाण मिले हैं, जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की कई वीडियो, चैट व जेहादी वीडियो व फोटो पड़े हैं। साथ ही कई ऐसे चीजें मिली हैं जिसके बारे में एटीएस अभी कुछ नहीं बता रही है। बस यह कह रही है कि इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद लेकर जल्द ही बड़े खुलासे किये जायेंगे।

कहां से होती है टेरर फंडिंग

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि आतंकियों के पास से जो साक्ष्य मिले है। उसमें सबसे अहम बात सामने आती है टेरर फंडिंग। इन आतंकियों को कौन फंडिंग करता है, यह जानना बहुत जरूरी है। एटीएस काम कर रही है और टेरर फंडिंग को लेकर भी बड़ा खुलासा होने की सम्भावना है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सहारनपुर के देवबंद से गिरफ्तार दो आतंकियों की संलिप्तता है कि नहीं यह कह पाना जल्दबाजी होगी। इनके पास से बरामद जेहादी वीडियो व फोटो को कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। (हि.स.)

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