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मानव रहित रेलवे फाटक होंगे साल के अंत में खत्म

Update: 2018-10-05 12:52 GMT

नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। रेल मंत्रालय ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मानव रहित रेल फाटक को साल के आखिर तक समाप्त कर देने का फैसला किया है और मंत्रालय इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2013-14 में मानव रहित रेल फाटक के कारण कुल 118 दुर्घटनाएं हुई थीं। मोदी सरकार ने इन्हें खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि हम हर साल लगभग 1100 मानव रहित क्रॉसिंग को खत्म करते थे। मौजूदा समय में हमने लगभग 5500 क्रॉसिंग को हटा दिए हैं। उन्होंने कहा कि मानव रहित रेल फाटक खत्म होने का ही परिणाम है कि पिछले छह महीने में मानव राहित रेल फाटक के कारण केवल तीन दुर्घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि साल के अंत तक कोई भी मानव रहित क्रॉसिंग नहीं बचेगा। हालांकि रेलवे का प्रयास इस लक्ष्य को दिसम्बर के बजाय 31 अक्टूबर तक ही हासिल करने का है।

गोयल ने कांग्रेस का नाम लिये बिना मॉडर्न रेल कोच फैक्टरी रायबरेली (एमसीएफ) को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली रायबरेली कोच फैक्टरी की घोषणा 2007-08 में की गई थी। हालांकि 2014 तक इसने एक भी कोच नहीं बनाया था, इसलिए हमने इस पर जोर दिया और इसकी क्षमता में भी वृद्धि की है। पिछले साल उसने 700 लिंक हाफमेन बुश (एलएचबी) कोच तैयार किए और इस साल यह 1500 कोच तैयार कर देगा। अगले वर्ष के लिए यह लक्ष्य 3,000 कोच का है।

उन्होंने कहा कि आजादी के 71 वर्षों में 48 साल से अधिक समय तक देश पर एक ही परिवार का शासन था। कांग्रेस ने 7 दशकों में से लगभग 6 दशक इस पर शासन किया है। गोयल ने कहा कि 2014 तक, रेलवे ने मुंबई-चेन्नई-हैदराबाद-बेंगलुरु को जोड़ने वाले मार्ग के दोहरीकरण तक की योजना भी नहीं बनाई थी। सिंगल लाइन होने के कारण इस मार्ग पर काफी दबाव था। 

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