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ममता के मंत्री का विवादित बयान, कहा- दुनिया का कोई भी संविधान कुरान से ऊपर नहीं

Update: 2018-09-21 10:11 GMT

कोलकाता। जब किसी भी मुद्दे पर केंद्र सरकार की निंदा की जाती है तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के सदस्य अग्रणी रहते हैं। अब ट्रिपल तलाक के मामले पर ममता के एक मंत्री ने संविधान को भी मानने से इनकार कर दिया है। राज्य के जनशिक्षा व ग्रंथागार मंत्री सिद्दीकुल्ला चौधरी ने शुक्रवार को ट्रिपल तलाक के मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, "दुनिया का कोई भी संविधान कुरान से ऊपर नहीं है। कुरान के सामने मुसलमान किसी भी संविधान को नहीं मानेंगे, भले ही इसके लिए आंदोलन क्यों न करना पड़े।"

चौधरी वाम मोर्चा के जमाने से अपने सांप्रदायिक गतिविधियों के लिए कुख्यात रहे हैं। जमायते-उलेमा-हिंद नाम का उनका अपना इस्लामिक संगठन भी है जिसके वे अध्यक्ष हैं। लाखों की संख्या में संगठन के कार्यकर्ता पूरे पश्चिम बंगाल में मौजूद हैं। प्रदेश के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी उनके संगठन के कार्यकर्ता सक्रिय हैं एवं देशभर के बड़े मुस्लिम संगठनों में जमायते- उलेमा-हिंद की गिनती होती है। ट्रिपल तलाक के बारे में जिक्र करते हुए शुक्रवार को चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तुष्टीकरण की राजनीति करने में जुटी है। इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा। मुसलमानों के लिए कुरान सबसे बड़ा आदेश है। उसके सामने किसी भी संविधान या कानून का कोई महत्व नहीं। अल्लाह ताला ने विवाह बनाया तो तलाक भी बनाया है। ट्रिपल तलाक सैकड़ों सालों से चलता आ रहा है और भाजपा की सरकार अपनी तानाशाही से इसे रोकने की कोशिश कर रही है। ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। इसके खिलाफ देशभर में आंदोलन होंगे और किसी भी कीमत पर ट्रिपल तलाक बंद करने के कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा।"

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी असंवैधानिक करार दे दिया। एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि ट्रिपल तलाक पर रोक लगाने के लिए संसद में कानून बनाएं। इस आदेश का जिक्र करते हुए चौधरी ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट ने यह जो आदेश दिया है यह गैर संवैधानिक है। इस देश में रहने वाले हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी को अपने धर्म के अनुसार जीवन यापन करने का अधिकार है। मुसलमानों को भी कुरान से ही ट्रिपल तलाक का आदेश मिला है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमारे मजहब में दखलअंदाजी है और इसके खिलाफ आंदोलन होगा।" उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले भी उन्होंने ट्रिपल तलाक का कोई भी कानून मानने से इनकार कर दिया था एवं कहा था कि कुरान के अनुसार ही मुसलमान चलेंगे।

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