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विपक्ष का केन्द्र बनकर अन्य नेताओं को किनारे करना चाहती हैं ममता

Update: 2019-02-05 13:31 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चिटफंड मामले की सीबीआई जांच पर ममता के विरोध पर कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की रणनीति खुद को विपक्ष के केंद्र के रूप में पेश करने और अन्य नेताओं को किनारे करने की है।

ममता बनर्जी सारदा और रोज वैली चिटफंड घोटाले के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने की सीबीआई की कोशिश के विरोध में रविवार से अनिश्चितकालीन धरना दे रही हैं।

'द क्लेपटोक्रेट्स क्लब' नामक एक फेसबुक पोस्ट में जेटली ने कहा कि यह मानना गलत होगा कि ममता धरने पर एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ नियमित जांच के चलते बैठी हैं। उनका असल मकसद अन्य विपक्षी उम्मीदवारों को किनारे कर खुद को विपक्ष के केन्द्र के रूप में पेश करने का है। वह अपने भाषणों में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करती हैं। उनकी रणनीति विपक्ष में अन्य सहयोगियों को ठिकाने लगाने की है।

जेटली ने कहा कि चिटफंड घोटाले का खुलासा 2012-13 में हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने ही मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थ जांच न्यायालय की निगरानी में हो रही है। सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की है और कुछ को गिरफ्तार और कुछ को जमानत मिल गई। ऐसे में अगर किसी पुलिस अधिकारी से पूछताछ की आवश्यकता है, तो इसे 'सुपर इमरजेंसी' और 'संघवाद पर हमला' या 'संस्थानों का विनाश' कैसे कहा जा सकता है।

जेटली ने कहा कि सीबीआई को आपराधिक मामले में एक अधिकारी से जांच करने से जबरन रोका जाना संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने का एक पाठ्यपुस्तक लायक उदारहण है।

ममता के धरने को विपक्ष के समर्थन पर जेटली ने कहा कि 'क्लेप्टोक्रेट क्लब' सत्ता पाने की इच्छा रखता है। उन्होंने कहा कि ममता के धरने का समर्थन करने वाले विपक्ष के अधिकांश नेता आर्थिक गड़बड़ियों, आपराधिक कदाचार और यहां तक ​​कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।

कांग्रेस पर हमला करते हुए जेटली ने कहा कि पार्टी पहले सारदा को घोटाला बता रही थी और अब उसी मामले में ममता बनर्जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के प्रथम परिवार के ज्यादातर सदस्य जमानत पर हैं। 

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