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भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राहतों का ऐलान, जानिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाएं

Update: 2019-08-23 16:39 GMT

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक डिमांड में कमी आई है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक मंदी नहीं है। चीन, अमेरिका और यूरोपीय देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर कर रही है। आज मंदी को लेकर निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फरेंस की। उन्होंने कहा कि सभी एसएसएमई के सभी पुराने पेंडिंग जीएसटी रिफंड 30 दिनों में दिए जाएंगे। एमएसएमई एक्ट में संशोधन करेंगे और इनकी एक परिभाषा होगी।

विजयदशमी के दिन से इनकम टैक्स रिटर्न की जांच फेसलेस होगी यानी दिल्ली के व्यक्ति की आईटीआर की जांच किसी दूसरे राज्य में हो सकती है।

निर्मला सीतारमण ने कही ये अहम बातें

-स्लाइड्स के जरिए वैश्विक हालात कैसे हैं, भारत कहां खड़ा है यह बताया

-10 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बारे में चर्चा की गई

-पूरी दुनिया में आर्थिक उथल पुथल है: निर्मला सीतारमण

-चीन से बेहतर स्थिति में है भारत, दुनिया के मुकाबले भी अच्छे

-चीन और अमेरिका के ट्रेड का असर है ये।

-भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर हालत में है

-आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर

-2014 से ही सुधार कर रहे हैं, ये जारी रहेंगे

-विजय दशमी से टैक्स विवाद आसानी से सुलझेगा

-जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया निर्बाध होनी चाहिए, इसके निर्देश दिए गए हैं

-भारत में व्यापार करना आसान हुआ

-टैक्स का निपटारा बिना आमने-सामने बैठे

-हम जीएसटी को और आसान बनाएंगे

-सभी देश मंदी का सामना कर रहे हैं

-टैक्स और लेबर कानून में लगातार सुधार कर रहे हैं

-सीएसआर का उल्लंघन क्रिमिनल एक्ट नहीं होगा

-बढ़ा हुआ कैपिटल गेन पर सरचार्ज वापस ले लिया गया है

-शेयर बाजार पर असर सोमवार को देखने को मिलेगा

-बैंकों को लोन चुकता करने के 15 दिन के अंदर उपभोक्ता के डाक्यूमेंट लौटाने होंगे

-लोन की प्रक्रिया की आनलाइन ट्रैकिंग कर सकेंगे

-वन टाइम लोन सेटलमेंट के लिए चेक बाक्स सिस्टम

अहम बातें

- इनकम टैक्स के नोटिस का टैक्सपेयर्स के जवाब देने के तीन महीने के अंदर पूरा मामला सुलझाया जाएगा।

- सभी पुराने आईटीआर नोटिस का निपटारा 1 अक्टूबर तक होगा।

- ग्लोबल जीडीपी का अनुमान 3.2 फीसदी लगाया गया है और ये आगे रिवाइज हो सकती है।

- भारत अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति है।

- सरकार लगातार रिफॉर्म करती रहेगी।

- रेपो रेट से जुड़ेंगी ब्याज दरें, होम कार लोन सस्ते होंगे

- लोन सेटलमेंट की शर्तें आसान हुईं

- 20000 करोड़ रुपये हाउसिंग फाइनेंस कम्पनियों के लिए

- एनबीएफसी केवाईसी के लिए आधार का उपयोग करेंगे

- 70 हजार करोड़ देगी सरकार

- लोन चुकाने केे 15 दिन में मिलेंगे पेपर

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