नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता अरुण जेटली का आज निधन हो गया। अरुण जेटली बीते कई दिनों से नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे। अरुण जेटली एम्स अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर कई दिन से थे। जेटली के निधन से पूरा देश शोकाकुल है। बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने या फिर उनके कार्यकाल में मोदी सरकार ने जितने भी अहम फैसले लिए, उनके लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। बता दें कि अरुण जेटली को कमजोरी और बेचैनी की शिकायत के बाद 9 अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री अरुण जेटली का कार्यकाल कई फैसलों को लेकर याद रखा जाएगा। इन्हीं के कार्यकाल में एक देश एक टैक्स की अवधारणा जमीन पर लागू हो पाई। इतना ही नहीं, रेल बजट को आम बजट के साथ शामिल करने के पीछे भी अरुण जेटली का हाथ है। तो चलिए जानते हैं कि बतौर वित्त मंत्री रहते अरुण जेटली और मोदी सरकार ने कौन-कौन से अहम फैसले लिए....
- जीएसटी और आईबीसी जैसे बड़े सुधार
- घाटे से जूझ रहे बैंकों में कंसोलिडेशन का दौर
- एफडीआई के नियमों को आसान कर विदेशी निवेश बढ़ाने में सफलता
- महंगाई फीसदी पर लगाम
- बजट पेश करने की तारीख में बदलाव
- रेल बजट को आम बजट में जोड़ना
- ब्लैकमनी और बेनामी प्रॉपर्टी कानून
- राजकोषीय मजबूती बनी रही
- बैंकों में एनपीए कम करने में सफलता
- जनधन योजना
- आधार के बेस पर सामाजिक योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम
- मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी
पेशे से वकील जेटली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी कैबिनेट का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। उनके पास वित्त और रक्षा मंत्रालय का प्रभार था और सरकार के लिए वह संकटमोचक की भूमिका में रहे। खराब स्वास्थ्य के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रतिरोपण हुआ था। उस समय रेल मंत्री पीयूष गोयल को उनके वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। पिछले साल अप्रैल की शुरुआत से ही वह कार्यालय नहीं आ रहे थे और वापस 23 अगस्त 2018 को वित्त मंत्रालय आए। लंबे समय तक मधुमेह रहने से वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उन्होंने बैरिएट्रिक सर्जरी भी कराई थी।