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कल्कि आश्रम के 40 ठिकानों पर आईटी ने मारा छापा

Update: 2019-10-19 10:30 GMT

-अब तक 43.9 करोड़ की नकदी, 25 लाख डॉलर, 88 किग्रा सोना, पांच करोड़ के हीरा जब्त

अमरावती (आंध्र प्रदेश)। भगवान कल्कि आश्रम से संबद्ध 40 ठिकानों पर चौथे दिन शनिवार को आयकर का छापा जारी है। आयकर विभाग का कहना है कि अब तक करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। तलाशी में 43.9 करोड़ रुपये की नकदी, 25 लाख डॉलर (विदेशी मुद्रा), 88 किलोग्राम सोना, पांच करोड़ रुपये मूल्य के हीरा जब्त किए गए हैं। आयकर विभाग की विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।

आयकर विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि आश्रम के 40 ठिकानों पर कार्रवाई अभी भी जारी है। कार्रवाई में तमिलनाडु ,आंध्र प्रदेश , कर्नाटक और तेलंगाना के अधिकारी शामिल हैं। कल्कि भगवान के संचालित ट्रस्टों और कंपनियों के समूह ने भारत और कई विदेशी कंपनियों में मोटा निवेश किया है। इसमें कर मुक्त देश (टैक्स हेवन) भी शामिल हैं। चीन, अमेरिका, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) आदि देशों पर स्थित यह कंपनियां विदेशी ग्राहकों से धन प्राप्त करती हैं।

आयकर विभाग का कहना है कि तलाशी में मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि तमिलनाडु में हजारों एकड़ बेनामी जमीन है। आंध्र प्रदेश के अलावा देश के तमाम हिस्सों और विदेशों में अचल संपत्ति के साक्ष्य मिले हैं। कंपनी ने निर्माण, खेल आदि क्षेत्रों में बड़ा निवेश किया है।

उल्लेखनीय है कि भगवान कल्कि के साथ उनके बेटे कृष्णजी पर सैकड़ों एकड़ जमीन पर कब्जा कर रियल इस्टेट का कारोबार करने का आरोप है। ऐसी ही एक शिकायत पर 2010 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने जांच का आदेश दिया था। चित्तूर जिले में स्थित कल्कि आश्रम में 2008 में मची भगदड़ में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

खुद को 'कल्कि भगवान' कहने वाले विजय कुमार नायडू ने एलआईसी में क्लर्क के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। क्लर्क की नौकरी छोड़कर नायडू ने एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना की। संस्थान का दिवालिया निकलने पर वह भूमिगत हो गया। अपने आप को विष्णु का दसवां अवतार कल्कि भगवान बताते हुए विजय 1989 में चित्तूर में सामने आया था।

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