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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कर रहा है जेट-एयरवेज के खाते की जांच

Update: 2018-09-02 13:45 GMT

नई दिल्ली। जेट एयरेवेज की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। अब आयकर विभाग ने भी कह दिया है कि वह कंपनी के खातों की जांच कर रही है। विभाग के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि प्रत्यक्ष रूप से किसी भी जांच के बारे में खुलासा करना नियम के खिलाफ है लेकिन विभाग कंपनी के खिलाफ जांच जरूर कर रहा है।

आयकर विभाग का कहना है कि कंपनी से लोगों का भरोसा इसलिए खत्म होता जा रहा है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह से हर दिन नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) कंपनी से स्पष्टीकरण मांग रहा है। एनएसई ने पिछले 20 अगस्त को कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था कि एक पोर्टल की ओर से प्रकाशित खबर कि जेट-एयरवेज के खिलाफ कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने प्राथमिक जांच की कार्रवाई आरंभ की है, पर कंपनी को क्या कहना है? उक्त पोर्टल ने यह जानकारी मंत्रालय के एक पुष्ट सूत्र के हवाले से दी थी। इसने अपनी खबर में कहा था कि कंपनी ने राशि की हेराफेरी की है।

इसके बाद एनएसई ने 21 अगस्त को कंपनी से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि राशि हेराफेरी की घटना सही में हुई है या नहीं? इतना ही नहीं, एनएसई ने कहा कि कंपनी ने एक्सचेंज से एेसी कोई भी जानकारी छुपाई है, जो नियमानुसार देना जरूरी है। स्पष्ट है कि 20 अगस्त को पस्पष्टीकरण से एक्सचेंज खुद ही संतुष्ट नहीं था और इसने एक दिन बाद ही विस्तृत जानकारी कंपनी से मांग ली।

इसके बाद 29 अगस्त को एनएसई ने कंपनी से पूछा कि मीडिया में दी गई जानकारी के मुताबिक जेट एयरवेज व गोदरेज की सहायक कंपनी गोदरेज बिल्ड कॉन के बीच एक एक जमीन को लेकर डील चल रही है और आयकर विभाग ने इस डील के खिलाफ जांच की कार्रवाई शुरू की है। एनएसई ने कंपनी से पूछा था कि कंपनी को इस मामले में क्या कहना है। हालांकि एक्सचेंज की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी ने इसका कोई जबाव नहीं दिया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले एक ह्विसल ब्लोअर व कंपनी के निवेशकर्ता अरविंद गुप्ता ने पिछले 13 अगस्त को प्रधानमंत्री कार्यालय को जेट एयरवेज के खिलाफ शिकायत दी थी। इस शिकायत में गुप्ता ने कहा था कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनी से जुड़े तीसरी चौथाई के परिणाम को रोका जाना खतरे की घंटी है, क्योंकि आडिट कमेटी ने इस परिणाम पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि जेट एयरवेज का इसके विदेशी कारोबारी मित्र एतिहाद एयरवेज के साथ भी विवाद है। साथ ही इसके अन्य मित्र एयर फ्रांस, केएलएम व यूएस डेल्टा इस विवाद में खुलकर जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल की खिलाफत कर रहे हैं। यही नहीं गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि विमानन मंत्रालय के दो पूर्व सचिव अशोक चावला व डा. नसीम जैदी जेट एयरवेज के प्रबंधन बोर्ड में शामिल हैं। इसके बावजूद कंपनी की हालत बिगड़ती जा रही है। जेट एयरवेज दिवालियेपन की राह पर खड़ा है। कंपनी की राशि को दुबई के रास्ते टैक्स हैवन भेजा जा रहा है। बैलेंस सीट व आडिटेड अकाउंट में हेराफेरी की जा रही है।  

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