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भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति के बयान पर जताया कड़ा विरोध

Update: 2020-02-17 14:31 GMT

नई दिल्ली। भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान के जम्मू कश्मीर के संबंध में भारत विरोधी प्रलाप पर कड़ा विरोध जताया है।

विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) विकास स्वरूप ने तुर्की के राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर आगाह किया है कि इरदुगान के ऐसे बयानों से भारत और तुर्की के संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा।

भारत ने इरदुगान की पाकिस्तान यात्रा के दौरान दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान कूटनीतिक आचरण के खिलाफ है। यह बयान इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत नहीं करता तथा अतीत की घटनाओं को विकृत रूप में प्रस्तुत करता है।

भारत ने इरदुगान के बयान को उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का एक और उदाहरण बताते हुए कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भारत ने तुर्की द्वारा सीमापार से किए जा रहे आतंकवाद को न्याय संगत ठहराने के तुर्की के प्रयासों की तीखी आलोचना की। भारत ने यह भी चेतावनी दी कि इस घटनाक्रम से द्विपक्षीय संबंधों को पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि इरदुगान ने अपनी हाल की पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां की संसद में अपने संबोधन के दौरान जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का राग अलापा था। बाद में जारी संयुक्त वक्तव्य में भी जम्मू-कश्मीर के हालात के संबंध में भारत विरोधी बातें कही गई थीं।

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