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वायुसेना संसद और मुंबई हमले के बाद पाक में एयर स्ट्राइक के लिए थी तैयार, सरकार ने मना किया : पूर्व एयरफोर्स चीफ

Update: 2019-12-28 13:45 GMT

नई दिल्ली। पूर्व एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए बयान में कहा है कि साल 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले और साल 2008 में मुंबई टेरर ब्लास्ट के समय भी भारतीय वायुसेना पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपो पर एयर स्ट्राइक के लिए पूरी तरह तैयार थी, लेकिन तबकी सरकारों ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। इससे पहले धनोआ ने शुक्रवार को कहा था कि 26/11 के हमले के बाद एयरफोर्स पूरी तरह तैयार थी, लेकिन सरकार ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों एवं अन्य लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही थी।

उन्होंने कहा, 'हम जानते थे कि पाकिस्तान में आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप हैं। इन कैंपों की लोकेशन पता थी। उन्हें नेस्तनाबूद करने के लिए हम तैयार थे। लेकिन यह राजनीतिक फैसला था कि हमला करना है या नहीं।' 31 दिसंबर, 2016 से 30 सितंबर, 2019 तक बीएस धनोआ भारतीय वायुसेना के चीफ थे। उन्होंने कहा कि 2001 में देश की संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद भी वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक की बात कही थी लेकिन तत्कालीन सरकार ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। धनोआ ने कहा कि अशांति और आतंकवाद ही पाकिस्तान का हथियार है। यदि शांति स्थापत होती है तो पाकिस्तान कई सुविधाएं खो देगा।

बीएस धनोआ ने कहा, 'पाकिस्तान हमारे खिलाफ प्रॉपेगैंडा वॉर में जुटा हुआ है और आगे भी अटैक करता रहेगा।' भारतीय वायुसेना को हर हमले का जवाब देने और पलटवार में सक्षम बताते हुए उन्होंने कहा, 'एयर फोर्स के बाद छोटी, अचानक छिड़ी जंग या फिर भविष्य में छिड़े किसी भी युद्ध से निपटने की क्षमता है।' गौरतलब है कि पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती बम विस्फोट में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ​ली थी। इसके बाद 26 फरवरी की अल सुबह भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सीमा के अंदर घुसकर बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के टेरर कैंप पर एयर स्ट्राइक की थी।

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