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शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण बहाली के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी सरकार

Update: 2019-02-06 16:16 GMT

नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज संसद को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

बुधवार को राज्यसभा में 13 अंकों वाली रोस्टर प्रणाली को लेकर चल रहे विरोध पर उन्होंने सदस्यों को यह आश्वासन दिया। शिक्षक नेताओं ने इस मामले को लेकर सरकार से मांग की है कि वह संसद के मौजूदा सत्र में वर्तमान सत्र में विधेयक लाए अथवा बजट सत्र के बाद अध्यादेश जारी करे।

जावड़ेकर ने बुधवार को राज्यसभा में के विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका मंज़ूर न होने को देखते हुए उनकी सरकार जल्द ही पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

सदन में तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) , राष्ट्रीय जनता दल (राजद) , बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत कइ विपक्षी दल के सदस्यों ने 200 अंकों वाली रोस्टर प्रणाली लागू करने के लिए जमकर हंगामा किया, जिस कारण भोजनावकाश के बाद बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

इसके बाद संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि सरकार दलितों, आदिवासियों तथा ओबीसी को विश्वविद्यालयों तथा कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण को बरकरार रखना चाहती है। पहले विश्वविद्यालय को रोस्टर के लिए एक इकाई माना जाता था और वह सही पद्धति है। सरकार भी उसी पद्धति को मानती हैं लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरक्षण के लिए विभाग या कालेज को इकाई माना और सुप्रीम कोर्ट ने उसे बरकरार रखा । इसके बाद सरकार ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से कहा है कि जब तक याचिका पर फैसला नहीं आ जाता तब तक वह 13 अंक वाले रोस्टर को लागू नहीं करे। 

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