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किसानों के चहुंमुखी विकास के लिए सरकार कर रही है काम

Update: 2019-02-05 10:25 GMT

नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' के मूलमंत्र पर सतत रूप से कार्यरत है। वर्तमान सरकार ने कृषि क्षेत्र के चहुंमुखी विकास और किसानों की आय बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को 2019 के बजट के साथ एक बार पुन: उजागर कर दिया है।

मंत्री ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का बजटीय आवंटन वर्ष 2018-19 के 58,080 करोड़ रुपये से लगभग ढाई गुना की बढ़त के साथ 1,41,174.37 करोड़ रुपये हो गया है। मोदी सरकार का केवल एक वर्ष यानि 2019 का बजटीय प्रावधान यूपीए सरकार के 05 वर्षों(2009-14) के 1,21,082 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान से भी 16.6 फीसदी अधिक है।

मंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारों के साथ-साथ किसान की जेब भी भरे एवं उनकी आय भी बढ़े इस उद्देश्य से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय इतिहास पटल पर एक नया अध्याय रचते हुए बजट 2019 में किसानों के लिए इनकम सपोर्ट के प्रावधान के साथ अन्य कई प्रावधान करते हुए ग्रामीण भारत पर सबसे ज्यादा फोकस किया है।

राधामोहन सिंह ने कहा कि देश में छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय संबंधी सहायता दिए जाने के प्रयोजनार्थ एवं एक सुव्यवस्थित कार्य व्यवस्था कायम करने के लिए सरकार ने शत प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ 75 हजार करोड़ रुपये के प्रस्तावित बजट से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि(पीएम-किसान) नामक योजना आरंभ किया गया है। इस योजना से छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से दो हेक्टेयर तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है, को उनके निवेश और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए एक सुनिश्चित आय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना के अंतर्गत, लघु व सीमांत परिवारों को प्रति वर्ष 6000 रुपये की सहायता सीधे चार-चार माह की तीन किश्तों में उपलब्ध कराई जाएगी। 

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