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आधार कार्ड को गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सरकार ने खोज लिया यह उपाय

Update: 2018-10-03 04:48 GMT

नई दिल्ली। आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद अब इसके गलत इस्तेमाल की सभी चिंताओं के समाधान केंद्र सरकार ने खोज लिए हैं। अब आधार कार्ड के वेरिफिकेशन के लिए केंद्र सरकार ऑफलाइन तकनीक अपनाएगी। आधार वेरिफिकेशन के लिए सरकार क्यूआर कोड और पेपरलेस केवाईसी की योजना लेकर आ रही है, जिसमें न बायॉमेट्रिक डीटेल को शेयर करने की जरूरत होगी और न ही आधार के सर्वर के इस्तेमाल की जरूरत होगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारत सरकार ने निजता और डेटा सुरक्षा की चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है। इसके तहत केंद्र सरकार अब आधार कार्ड के वेरिफिकेशन के लिए ऑफलाइन तरीकों पर जोर दे रही है, जिसमें ऑथेंटिकेशन के लिएयूआईडीएआई सर्वर की जरूरत नहीं है। केवाईसी (नो योर कस्टमर) करने के लिए यूजर्स को आधार नंबर भी नहीं देना होगा। ऑफलाइन केवाईसी को सरकार समेत सभी सेवा प्रदाता इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑफलाइन आधार केवाईसी को दूसरे पहचान पत्रों, जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट और पैन कार्ड के अतिरिक्त इस्तेमाल किया जा सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि ऑफलाइन आधार केवाइसी की विश्वसनीयता इसे लोकप्रिय बनाएगी और इससे टेक आधारित वित्तीय कंपनियों के लिए एक बेहतर विकल्प मिलेगा, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऑथेंटिकेशन के लिए यूआईडीएआई सर्वर तक पहुंच से वंचित हो गई हैं।

क्यूआर कोड को यूआईडीएआई की वेबसाइट से डाउनलोड और प्रिंट किया जा सकता है। सेवा प्रदाता इस साइट से क्यूआर कोड रीडर को डाउनलोड कर सकता है या वह ऐसा स्कैनर ले सकता है जो आधार नंबर प्रिंटआउट के क्यूआर कोड को रीड कर सके। यूआईडीएआई ने 'पेपरलेस लोकल ई-केवाईसी' की भी पेशकश की है और इसे भी लैपटॉप या फोन में स्टोर किया जा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि ई-केवाईसी और क्यूआर कोड से निजता की रक्षा होगी। इसके अतिरिक्त यूजर्स को निजी सूचनाओं में सिर्फ नाम और पता देना होगा। ई-केवाईसी से बिना आधार नंबर दिए ही बैंक अकाउंट खोलने या सिम कार्ड हासिल करने में मदद मिलेगी।

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