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संसद में जी.किशन रेड्डी ने कहा - जम्मू-कश्मीर में कोई डिरेडिकलाइजेशन शिविर नहीं

Update: 2020-02-11 11:34 GMT

श्रीनगर। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी.किशन रेड्डी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि देश में किसी डिरेडिकलाइजेशन शिविर के अस्तित्व में होने की कोई सूचना नहीं है, खास तौर से जम्मू-कश्मीर में। इससे पहले कश्मीर में डिरेडिकलाइजेशन सेंटर के विचार का स्वागत करते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने कहा था कि इस तरह के कदम का स्वागत है।

सिंह ने यह बयान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत के सुझाव पर दिया था। सिंह ने कहा था कि आतंकवाद के मुकाबले के लिए विशेषज्ञों व सिविल सोसाइटी के सदस्यों को हाथ मिलाना चाहिए। बीते महीने नई दिल्ली में रायसीना डॉयलाग में जनरल रावत ने डिरेडिकलाजेशन शिविरों की स्थापना की बात कहकर विवाद पैदा कर दिया।

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के आतंकी मकबूल भट की बरसी पर मंगलवार को घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं। अधिकारियों ने कहा कि सामान्य जीवन यहां प्रभावित रहा। कश्मीर घाटी में 2 जी मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया और श्रीनगर के कुछ हिस्सों में हल्के प्रतिबंध लगाए गए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर कश्मीर घाटी में रेल सावाओं को भी रद्द कर दिया गया।

पिछले साल अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू एवं कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद रेल यातायात को करीबन 100 दिनों तक सबसे अधिक समय के लिए रद्द करना पड़ा था। हालांकि, बाद में सेवाओं को 26 नवंबर, 2019 में पुन: चालू कर दिया गया था। इससे पहले रविवार को, अधिकारियों ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी के दौरान 2जी सेवाओं को रद्द कर दिया था।

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