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भारत में इस जगह लगेगा तैरता सोलर प्लांट, विश्व बैंक करेगा निवेश

Update: 2019-05-26 14:48 GMT

नई दिल्ली। झारखंड में देश का सबसे बड़ा तैरता सोलर प्लांट लगाने का रास्ता साफ हो गया है। रांची के गेतलसूद और धुर्वा डैम पर कुल 150 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इन दोनों संयंत्रों को स्थापित करने के लिए हाल ही में विश्व बैंक ने निवेश के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। जल संसाधन विभाग से एनओसी मिल गई है। अगले वर्ष जुलाई से सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू हो जाएगा। वन विभाग से भी अनापत्ति मिल गई है।

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी), झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) और विश्व बैंक के अधिकारियों ने पिछले दिनों दोनों डैमों का संयुक्त रूप से भौतिक निरीक्षण किया था। गेतलसूद डैम के 1.6 वर्ग किमी क्षेत्र में 100 और धुर्वा डैम के 0.8 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए सेकी संयंत्र लगाएगा। निवेश विश्व बैंक करेगा। अगले दो से तीन महीने में दोनों प्रोजेक्टों पर काम शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

-दोनों संयंत्रों से उत्पादित सौर ऊर्जा रांची के उपभोक्ताओं को मिलेगी। गेतलसूद से सिकिदिरी व धुर्वा से हटिया ग्रिड को सौर ऊर्जा दी जाएगी।

-दोनों संयंत्रों को स्थापित करने में 600 करोड़ रुपये का निवेश होगा है। सेकी के आकलन के मुताबिक इससे करीब 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा। सौर ऊर्जा अधिकतम 3.5 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलेगी।

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