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पुलवामा हमले की पहली बरसी : विरोधियों ने फिर पूछा - कहां से पहुंचा इतना आरडीएक्स?

Update: 2020-02-14 05:30 GMT

दिल्ली। पुलवामा हमले के एक साल पूरे होने पर जहां एक तरफ 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत की याद में मेमोरियल का उद्घाटन किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ विरोधी दलों के नेताओं ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं। इसके साथ ही, विपक्षी दलों की तरफ से इस हमले के एक साल बाद भी आरडीएक्स पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम ने कहा- "हमें मेमोरियल की जरूरत नहीं है, जो हमारी अक्षमता को याद कराए। एक चीज जिसे हमें जानने की जरूरत है वो है कि कैसे 80 किलोग्राम आरडीएक्स इंटरनेशनल बॉर्डर को पार किया, जो धरती पर सबसे ज्यादा आर्मी वाला क्षेत्र है और पुलवामा में विस्फोट हुआ। पुलवामा हमले के इंसाफ की जरूरत है।"

उधर, एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने आरडीएक्स की इतनी बड़ी खेप पुलवामा पहुंचने के मामले में कोई जांच न किए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा- "पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। आज तक कोई जांच समिति नहीं बनाई गई कि कहां से और किस तरह आरडीएक्स से लदी गाड़ी मौके पर पहुंची? गाड़ी का ड्राईवर जेल में है। जांच की जानी चाहिए क्योंकि लोग सच्चाई जानना चाहते हैं।"

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए जैश-ए-मुहम्मद (जैश) के आत्मघाती हमलावर ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हमला किया था और इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। आज देशभर में लोग जहां शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके सरकार पर हमला बोला है और सवाल किया कि आखिर इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ, इसकी जांच में क्या निकला और सरकार में किस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया गया?

राहुल ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर वाले ताबूतों की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'आज जब हम पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को याद कर रहे हैं तो हमें यह पूछना है कि इस हमले से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ?' उन्होंने यह सवाल भी किया, 'हमले की जांच में क्या निकला? हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है? '

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