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OROP में नहीं होगा अब बदलाव, कोर्ट दखल न दे :केंद्र

Update: 2018-07-27 10:58 GMT

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इससे वित्तीय बोझ बहुत बढ़ जाएगा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता क्योंकि इससे बहुत वित्तीय बोझ पड़ेगा। केंद्र सरकार ने कोर्ट से आग्रह किया कि वो इस मामले में दखल न दे। कोर्ट इस मसले पर 4 हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।

पिछले 24 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह मेजर जनरल और उसके समकक्ष रैंक के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। केंद्र सरकार ने कहा था कि ये योजना सेना के सभी अंगों में लागू होगी। केंद्र सरकार ने कहा था कि वन रैंक वन पेंशन का लाभ उन रिटायर्ड सैनिकों को भी मिलेगा जो 2006 के पहले रिटायर हुए थे। केंद्र के इस हलफनामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे तीन महीने में लागू करने का निर्देश दिया था।

याचिका इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार वन टाइम वन पेंशन की बजाए वन टाइम डिफरेंट पेंशन प्रस्तावित कर रही है। इस स्कीम से पुराने पेंशनर अपने जूनियर एक्स सर्विसमैन से कम पेंशन पाएंगे। याचिका में कहा गया है कि केंद्र की बनाई वन रैंक वन पेंशन स्कीम कोशियारी कमेटी की सिफारिशों पर आधारित नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट मोदी सरकार की वन रैंक वन पेंशन को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दे।

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