जेएनयू मामला : दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद को दी एक दिन की राहत

Update: 2018-07-19 10:16 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को निर्देश दिया है कि वह उमर खालिद के खिलाफ 2016 में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए जाने की घटना के संबंध में विश्वविद्यालय की उच्चस्तरीय समिति द्वारा जुर्माना लगाने के मामले में कल यानि 20 जुलाई तक कोई निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करें। हाईकोर्ट ने जेएनयू को नोटिस जारी कर 20 जुलाई तक जवाब मांगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।

हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। कन्हैया कुमार की याचिका पर भी 20 जुलाई को ही सुनवाई होगी।

कन्हैया कुमार और उम्र खालिद ने जेएनयू के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संसद भवन पर 13 दिसंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के मामले में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु की तीसरी बरसी पर जेएनयू में 9 फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था ।

जेएनयू की उच्चस्तरीय समिति ने 2016 में नौ फरवरी को कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी किये जाने की घटना के सिलसिले में कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी| समिति ने घटना के सिलसिले में उमर खालिद को विश्वविद्यालय से निष्कासित करने और अनुशासन का उल्लंघन करने के लिये 13 अन्य छात्रों पर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

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