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चमकी बुखार से मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सोमवार को होगी सुनवाई

Update: 2019-06-19 06:51 GMT

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का कहर जारी है। चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में 135 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं बिहार में चमकी बुखार से मौतों का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सोमवार को कोर्ट इस मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। वहीं मंगलवार को नीतीश कुमार एसकेएमसीएच का दौरा किए और उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इस बीच बेहतर इंतजामों के लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक घोषणा की। पटना, नालंदा और दरभंगा के विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम पटना पहुंच चुकी है। लेकिन बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक 135 बच्चों की मौत हुई है जिसमें 93 बच्चे एसकेएमसीएच और 19 बच्चे केजरीवाल अस्पताल से हैं। एसकेएमसीएच के मेडिकल अधीक्षक का कहना है कि अस्पताल में दवा और अन्य संसाधनों की कमी नहीं है। लेकिन ये बात अलग है कि एक डॉक्टर ने उनके दावे की पोल खोल दी थी।

बिहार सरकार ने चमकी की वजह से जो परिवार प्रभावित हुए हैं उन्हें चार लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है। इसके साथ ही प्रभावित परिवारों को यात्रा में आने वाले खर्च को भी वहन करने का फैसला किया है। जिला प्रशासन का कहना है कि अब तक 54 परिवारों को मुआवजा दिया गया है। इसके साथ ही प्रभावित इलाकों में जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है।

बिहार सरकार की लापरवाही के बाद नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं। विपक्षी दलों खासतौर से पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि पूरी बिहार सरकार ही आईसीयू में है ऐसे में आप नीतीश कुमार से क्या अपेक्षा कर सकते हैं। इन सबके बीच मुजफ्फरपुर से बीजेपी सांसद अजय निषाद ने चमकी बुखार के लिए 4जी को जिम्मेदार ठहराया था।

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