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ललिताम्बिका के हाथों मानव अंतरिक्ष उड़ान की कमान

Update: 2018-08-20 05:38 GMT

नई दिल्ली। भारत के रॉकेट कार्यक्रम तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली ललिताम्बिका वीआर को देश के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसरो के महत्वकांक्षी गगनयान मिशन की घोषणा की थी। इसरो ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना की तैयारियां शुरू कर ली है और अगर यह सफल हो जाता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चौथा देश बन जाएगा जिसने अंतरिक्ष में मानव को भेजा होगा। इसरो के चेयरमैन के. शिवन ने डॉ. ललिताम्बिका के बारे में बताया कि उनके पास न सिर्फ तकनीकी बल्कि प्रबंधकीय अनुभव भी है। डॉ. शिवन ने जिन दूसरी महिला वैज्ञानिक की बात की वो डॉक्टर अनुराधा टीके हैं जो इसरो के सैटेलाइट कम्युनिकेशन प्रोग्राम का नेतृत्व करने जा रही हैं। डॉ. ललिताम्बिका विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर की उप निदेशक के तौर पर काम कर चुकी हैं।

इस पद रहते हुए उन्होंने 104 सैटेलाइट लॉन्च करने वाली टीम का नेतृत्व किया था और इस उपलब्धि को दुनियाभर में सराहना मिली थी। इससे पहले रूस का 37 सैटेलाइट लॉन्च करने का रिकॉर्ड रहा है। ललिताम्बिका के पास कंट्रोल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री है। उन्होंने अपना करियर साल 1998 में केरल के तिरुवनन्तपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर से शुरू किया था और वहां कई प्रोजेक्ट किए। उनकी टीम ने रॉकेट के ईंधन की जरूरतों की पूरा करती रहीं जैसे पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, जियोसिक्रोनियस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल और रियूजेबल लॉन्च व्हीकल। उनका इसरो के साथ काम करने का 30 साल का अनुभव है। अभी वह पीएसएलवी और जीएसएलवी के लिए ऑटोपायलट डिजाइनर्स की टीम की महत्वपूर्ण सदस्य है।

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