सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न से संबंधित खबर के प्रसारण पर रोक की याचिका खारिज

हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है, इसलिए अलग सुनवाई का मतलब नहीं है

Update: 2019-04-29 08:12 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व कर्मचारी की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने से संबंधित खबर मीडिया में रोके जाने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दिया है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट खुद सुनवाई कर रहा है, इसलिए हमें सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं है।

याचिका एनजीओ एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ने दायर किया था। याचिका में कहा गया था कि चीफ जस्टिस के खिलाफ यौन उत्पीड़न की खबरों से देश की न्याय व्यवस्था प्रभावित होगी। याचिका में न्यूज चैनल्स, अखबार के अलावा सोशल मीडिया पर भी इन खबरों के रोक की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में राष्ट्रविरोधी तत्वों का हाथ होने की संभावना है। अगर इससे जुड़ी खबर छापने या प्रसारित होने से न रोका गया तो लोगों का देश की न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।

इस मामले में एक वकील उत्सव बैंस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि चीफ जस्टिस को फंसाने के लिए साजिश रची गई है। उनके हलफनामे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 25 अप्रैल को इस मामले से जुड़े साजिश की जांच के लिए जस्टिस एके पटनायक को नियुक्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस के प्रमुखों को जस्टिस पटनायक को सहयोग करने का निर्देश दिया है।

यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पिछले 26 अप्रैल को तीन सदस्यीय जांच कमेटी के समक्ष पेश हुई थी। जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली गठित 3 सदस्यीय जांच पैनल में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।

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