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एक करोड़ रुपए तक नगद रखने की अब मिलेगी छूट

कालाधन पर गठित एसआईटी ने की सिफारिश

Update: 2018-07-20 04:18 GMT

नई दिल्ली। काला धन पर गठित एसआईटी (विशेष जांच दल) ने केंद्र सरकार को दी गई अपनी सिफारिश में नकदी रखने की सीमा को बढ़ाकर एक करोड़ रुपए किए जाने का सुझाव दिया है। इससे पहले एसआईटी ने 20 लाख रुपए तक की नगदी रखने का सुझाव दिया था। एसआईटी ने एक करोड़ रुपए से अधिक की नगदी रखने की स्थिति में उसे जब्त कर सरकारी खजाने में जमा किए जाने की सिफारिश की है। 2014 में सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम बी शाह की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी की मौजूदा सिफारिश ने अपने पहले की दो सिफारिशों को खारिज कर दिया है। एसआईटी ने माना कि पहले की दोनों सिफारिशें उचित नहीं थी। विशेष जांच दल ने अपने पहले की दोनों सिफारिशों में 15 लाख रुपए और 20 लाख रुपए रखे जाने का सुझाव दिया था। न्यायमूर्ति शाह ने गुरुवार को कहा, हमने नकदी रखने की सीमा को एक करोड़ रुपया रखे जाने की सिफारिश की है।

तीसरी बार की सिफारिश

न्यायमूर्ति शाह ने पूर्व में नकद राशि के रूप में 15 लाख रुपए तक रखने देने की सिफारिश की थी। हालांकि बाद में उन्होंने इस सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपए तक कर दिया। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर वर्ष 2014 में एसआईटी का गठन किया था। सरकार को एसआईटी लगातार काला धन रोधी कदमों का सुझाव देती रही है।

क्या है नियम

वर्तमान नियमों के अनुसार कोई व्यक्ति तय सीमा से अधिक नगदी रखने की स्थिति में उसका 40 प्रतिशत कर और जुर्माना देकर जब्त रकम वापस हासिल कर सकता है। यह सिफारिश ऐसे समय में सामने आई है जब देश भर में हालिया छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने बड़ी मात्रा में नकदी रकम जब्त की है। 16 जुलाई को आयकर विभाग के अधिकारियों ने तमिलनाडु में हाईवे और निर्माण के कारोबार में शामिल एक कंपनी के ठिकानों पर छापा मारकर 1.6 अरब रुपए नगद जब्त किए थे। इसके साथ ही अधिकारियों ने छापे के दौरान 100 किलो सोना भी जब्त किया था।

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