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करतारपुर गलियारे को लेकर भारत-पाक में सहमति बनी, 2 अप्रैल को होगी अगली बैठक

पुलवामा आतंकी हमले के ठीक एक माह बाद करतारपुर कॉरिडोर को लेकर हुई अहम बैठक

Update: 2019-03-14 13:00 GMT

अटारी (अमृतसर)। करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच गुरुवार को हुई बैठक सफल रही। इसे लेकर दोनों ही देशों में सहमति बन गई है। बैठक में कॉरिडोर शुरू करने की रूपरेखा तैयार करने को लेकर बातचीत हुई। इस मसले पर दोनों देशों के बीच 2 अप्रैल को दूसरी बैठक होगी, जिसमें विस्तार से चर्चा के बाद मसौदे पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।

पुलवामा आतंकी हमले और उसके बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव की छाया में गुरुवार को करतारपुर गलियारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बैठक हुई। भारत-पाक सीमा पर अमृतसर की अटारी सीमा पर इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट पर आयोजित बैठक सुबह 10 बजे से शुरू होकर दोपहर तीन बजे खत्म हुई। बैठक में पाकिस्तान के 18 सदस्यीय अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई डीजी डॉ. मुहम्मद फैजल ने की। बैठक का एजेंडा करतारपुर गलियारे को लेकर था पहले से निर्धारित था। भारत की तरफ से पूर्व में ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि बैठक सिर्फ और सिर्फ करतारपुर गलियारे को लेकर है।

बैठक के बाद दोनों देशों के साझा बयान में कहा गया कि यह बातचीत रचनात्मक रही। दोनों देशों की तरफ से करतारपुर गलियारे को लेकर निर्माण में तेजी लाए जाने पर सहमति जताई गई। इस संबंध में अगली बैठक 2 अप्रैल को इसी सीमा पर पाकिस्तान के वाघा क्षेत्र में होगी। उससे पहले 19 मार्च को भी जीरो प्वाइंट पर तकनीकी विशेषज्ञों की मुलाकात होगी।

पुलवामा आतंकी हमले के ठीक एक महीने बाद आयोजित इस बैठक को लेकर दोनों देशों की नजरें टिकी हुई थी। खास तौर पर सिख संगत इसे लेकर भारत और पाकिस्तान में अरदास कर रहे थे। हालांकि बैठक तक मीडिया की पहुंच नहीं थी लेकिन यहां मौजूद देश-विदेश के मीडिया प्रतिनिधियों में बैठक के नतीजों को लेकर खासी उत्सुकता देखी गई।

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ने के लिए गलियारा बनाने पर भारत और पाकिस्तान सहमत हुए थे। करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में रावी नदी के पार स्थित है जो डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से तक़रीबन चार किलोमीटर दूर है। करतारपुर में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव जी ने अपना अंतिम समय व्यतीत किया था।

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