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सुखोई में ब्रह्मोस का एयर वर्जन, परीक्षण जल्द

- वायुसेना की मारक क्षमता में होगी जबरदस्त वृद्धि

Update: 2019-04-28 04:04 GMT

नई दिल्ली। भारत ने सुखोई लड़ाकू विमान से स्वदेशी तकनीक से विकसित सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण आगामी कुछ दिनों में कर सकता है। वायुसेना के सूत्रों के मुताबिक भारतीय वायुसेना की योजना है कि 40 सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों में ब्रह्मोस मिसाइल फिट किया जाए, ताकि जरूरत पड़ने पर लंबी दूरी से ही इसका इस्तेमाल दुश्मन के खिलाफ किया जा सके।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ब्रह्मोस मिसाइल को विकसित किया है। ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। भारतीय वायुसेना ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का विकास जल्द से जल्द करने की कोशिश में है। ये मिसाइल जमीन पर मौजूद टारगेट को नेस्तानाबूत कर देगी। सफलतापूर्वक परीक्षण के बाद फाइटर प्लेन में ब्रह्मोस मिसाइल के एयर वर्जन का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में जबरदस्त वृद्धि होगी।

भारत सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि वायुसेना की लगातार बदलती जरूरतें, वो भी ऐसे वक्त में जब हम दोतरफा युद्ध को नकार नहीं सकते हैं, ये बेहद अहम प्रोजेक्ट है। चूकि मिसाइल का वजन अधिक होने से सुखोई में सिर्फ एक ही मिसाइल को लोड किया जाता है। 

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