नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-पाक व भारत-बांग्लादेश सीमाओं की सुरक्षा के लिए तो कटिबद्ध है ही, पर्यावरण संरक्षण के लिए भी इसकी प्रतिबद्धता जगजाहिर है। देश के विभिन्न भागों में फैले अपने परिसरों और आसपास के क्षेत्रों में प्रतिवर्ष रोपे जाने वाले हजारों पौधे इसके प्राकृतिक संरक्षण के प्रयासों के साक्षी हैं। पौधरोपण की दिशा में दो बार बनाये कीर्तिमान के लिए 2014 और 2015 के 'लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज नाम इस फोर्स के प्रकृति प्रेम की गवाही दे रहा है।
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के.के. शर्मा ने सी.जी.ओ. कॉम्प्लेक्स मुख्यालय में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान जगत सिंह 'जंगली' को सम्मानित करते हुए निर्णय किया कि जगत सिंह बीएसएफ के भी पर्यावरण के ब्रांड अंबेस्डर हैं और इनसे नियमित रूप से राय लेकर बीएसएफ इस क्षेत्र की रणनीतियां बनाएगी।
महानिदेशक उत्तराखंड के पहाड़ पर मिश्रित वन की परिकल्पना को साकार किया है और पर्यावरण के क्षेत्र में नई संभावनाओं की खोज की है। साथ ही उन विशेष कारणों की भी पहचान की है, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पर्यावरण अध्ययन और विकास की नई राहें भी खुली हैं।