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चंद्रयान-2 का जुलाई में होगा प्रक्षेपण, ऐसा करने वाला भारत बनेगा चौथा देश

Update: 2019-06-12 12:26 GMT

नई दिल्ली। भारत का दूसरा चंद्र अभियान चंद्रयान-2 जुलाई में प्रक्षेपण (लॉन्च) किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के मुताबिक, वह अपने सबसे महत्वाकांक्षी मिशन के तहत चंद्रयान-2 को 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च करेगा। इस बीच, बुधवार को चंद्रयान -2 के मॉड्यूल की तस्वीरें सामने आई हैं। इसरो ने इससे पहले बताया था कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान में 13 पेलोड होंगे और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का भी एक उपकरण होगा।

इसरो ने चंद्र मिशन के बारे में जानकारी देते हुए कहा था, 13 भारतीय पेलोड (ऑर्बिटर पर आठ, लैंडर पर तीन और रोवर पर दो पेलोड व नासा का एक पैसिव एक्सपेरीमेंट (उपरकण) होगा। हालांकि, इसरो ने नासा के इस उपकरण के उद्देश्य को स्पष्ट नहीं किया था। इसरो के अनुसार, इस अंतरिक्ष यान का वजन 3.8 टन है। यान में तीन मोड्यूल (विशिष्ट हिस्से) ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं।

इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने बताया था कि चंद्रयान-2 के छह सितंबर को चंद्रमा पर लैंडिंग की संभावना है। ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा।

इसरो के मुताबिक, इस अभियान में जीएसएलवी मार्क-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जाएगा। इसरो ने कहा था कि रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। लैंडर और ऑर्बिटर पर भी वैज्ञानिक प्रयोग के लिए उपकरण लगाए गए हैं। गौरतलब है कि चंद्रयान-2 पिछले चंद्रयान-1 मिशन का उन्नत संस्करण है। चंद्रयान-1 अभियान करीब 10 साल पहले किया गया था।

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