सीमा पार आतंकी शिविरों पर सटीक कार्रवाई: लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई कहते हैं, "इसने सीमा पार के आतंकी परिदृश्य पर बहुत ही मेहनत और सूक्ष्मता से काम किया और आतंकी शिविरों और प्रशिक्षण स्थलों की पहचान की। कई जगहें सामने आईं, लेकिन जैसे-जैसे हमने और विचार-विमर्श किया, हमें एहसास हुआ कि इनमें से कुछ आतंकी केंद्र अब मौजूद नहीं थे और हमसे प्रतिशोध के डर से पहले ही खाली कर दिए गए थे...इसके अलावा एक संदर्भ अवधि और हमारा खुद का बाध्यकारी स्व-लगाया गया प्रतिबंध भी था कि केवल आतंकवादियों को ही निशाना बनाया जाए और इस तरह से होने वाले नुकसान को रोका जाए। नौ शिविर थे जिनसे आप सभी अब परिचित हैं, जिनकी पुष्टि हमारी विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने की थी। इनमें से कुछ पीओजेके में थे, जबकि कुछ अन्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे। मुरीदके जैसे नापाक स्थान, लश्कर-ए-तैयबा का केंद्र, पिछले कई वर्षों से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे कुख्यात लोगों को जन्म देता रहा है।"