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भारत के साथ सहयोग व संबंध मजबूत करना चाहता है चीन

Update: 2018-04-17 00:00 GMT

बीजिंग| चीन भारत के साथ अपने संबंधों को सही रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहता है। वह आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों में काम करना चाहता है जिससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत हों। यह बात चीनी विदेश मंत्रालय ने कही है। चीन की ओर से यह बयान भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की 24 अप्रैल की यात्रा से ठीक पहले आया है।

दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जून में चीन का दौरा करना है। मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने दोनों देशों के बीच चल रही उच्च स्तरीय वार्ता के बीच कही है। उल्लेखनीय है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं। उन्होंने चीन सरकार के कई बड़े नेताओं और अधिकारियों से बात की है। 13 अप्रैल को उनकी चीन के विदेशी मामलों के आयोग के सदस्य यांग जिएची के साथ शंघाई में वार्ता हुई थी। यह बैठक बहुत सफल रही थी।

पिछले वर्ष हुए डोकलाम विवाद के बाद दोनों देश कई स्तरों पर वार्ता के दौर चला रहे हैं जिससे उनके बीच टकराव की आशंका कम हो सके। प्रवक्ता ने कहा, चालू वर्ष में वह दोनों देशों के बीच सहयोग की संभावनाओं में नई तरह का विकास देख रही हैं। राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में दोनों देश संबंधों की नई इबारत लिखेंगे। प्रवक्ता ने कहा, भारत के साथ संबंधों को चीन बहुत महत्व देता है। हम सहमति बनाकर साथ काम करना चाहते हैं। द्विपक्षीय सहयोग बढ़ने से जो सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी उससे दोनों देशों को ही नहीं पूरी दुनिया को ताकत मिलेगी। भारत के साथ हम सभी क्षेत्रों में मिलकर कार्य करना चाहते हैं जिससे हमारे बीच सहयोग का दायरा बढ़े। इस प्रयास में हाल ही में दोनों देशों के विदेश मंत्री मिले हैं। दोनों देश सीमा और नदी जल पर वार्ता कर रहे हैं, एक-दूसरे की चिंताओं को समझ रहे हैं।

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