अवैध उत्खनन क्षेत्र से माल उठाने की अनुमति की आड़ में

Update: 2018-04-16 00:00 GMT

हर रात पांच लाख का पत्थर चुरा रहा है खनन माफिया

ग्वालियर, न.सं.। करीब 14 वर्ष पूर्व पूरी तरह बंद कर दिए गए खनन क्षेत्र शंकरपुर (ट्रांसपोर्ट नगर के पीछे) से खनन माफिया हर रात पांच लाख रुपये का काला पत्थर चोरी कर रहा है। खनिज अधिकारी मनीष पालेवार के संरक्षण में संचालित इस अवैध उत्खनन से माफिया पिछले चार महीने में करीब पांच करोड़ का पत्थर चोरी कर चुका है।

बिलौआ में खनिज कारोबार आरंभ होने से ठीक पहले तक वर्ष 2003-04 तक शहर से सटे शंकरपुर क्षेत्र में काले पत्थर का कारोबार जोरों पर संचालित होता रहा है। अपने क्रेशर समेटकर बिलौआ पहुंचे करीब एक दर्जन कारोबारी भी यहां क्रेशर संचालित करते थे। चूंकि शंकरपुर क्षेत्र में खनिज कारोबारियों ने खदानें 200-250 फीट से अधिक गहरी कर दीं। शंकरपुर आदि कुछ गांवों से सटीं इन खदानों में लगातार दुर्घटनाओं की सूचना मिलने लगीं। इसी प्रकार शंकरपुर की इन खदानों से सटकर ग्वालियर विकास प्राधिकरण की व्यावसायिक दीनदयाल नगर योजना स्थापित हो गई। इस कारण प्रशासन ने वर्ष 2003-04 में यहां उत्खनन और क्रेसिंग कारोबार पूरी तरह बंद करा दिया था। हालांकि कुछ कारोबारी यहां अवैध रूप से  उत्खनन और क्रेसिंग कर करोड़ों का माल बेचते रहे हैं। पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर मार्च 2017 तक कुछ खनिज कारोबारी बीच-बीच में उत्खनन और क्रेसिंग करते रहे।

तत्कालीन जिलाधीश संजय गोयल की सख्ती के बाद यहां उत्खनन कारोबार पूरी तरह बंद हो गया था। लेकिन इस क्षेत्र में उत्खनन और के्रसिंग कारोबार करते रहे लक्ष्मीनारायण उपाध्याय के द्वारा विगत करीब चार महीने से यहां लगातार अवैध उत्खनन और क्रेसिंग की जा रही है। श्री उपाध्याय द्वारा करीब 150-200 टन प्रति घंटे की क्षमता वाले क्रेशर से रातभर में 1500 टन पत्थर चोरी कर रातों-रात पीस कर बेचा जा रहा है। जिसकी कीमत करीब 5 लाख रुपये है। खनिज विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि शंकरपुर क्षेत्र का काला पत्थर अधिक घनत्व वाला है। जिसकी कीमत बिलौआ के पत्थर से लगभग दो गुनी है।

अनुमति की आड़ में जारी है उत्खनन

शंकरपुर के खनिज कारोबारी से अवैध उत्खनन कर खनिज माफिया बने लक्ष्मीनारायण उपाध्याय ने करीब डेढ़ महीने पहले खनिज विभाग से माल उठाने की अनुमति ली है। खास बात यह है कि जिस समय माल उठाने की अनुमति ली गई थी। उस समय भी श्री उपाध्याय के क्रेशरों के नीचे भरपूर पिसा हुआ पत्थर मौजूद था। क्रेशर से सटी खदान में रातों-रात धमाके कर करीब 5 लाख रुपये का पत्थर निकाला और पीसा जा रहा है। रातों-रात डम्परों से माल निकाला जा रहा है। अनुमति की आड़ में दिन में भी यहां से माल निकाला जा रहा है। इसके बावजूद प्रतिदिन सुबह होते ही क्रेशरों के पट्टों के नीचे माल बराबर पहुंच जाता है। विगत कई दिनों से अवैध रूप से संचालित होते श्री उपाध्याय के क्रेशरों के प्रमाण ‘स्वदेश’ के पास मौजूद हैं।

डेढ़ लाख रिश्वत से चल रहा है क्रेशर!

खनिज विभाग के सूत्र बताते हैं कि शंकरपुर में अवैध उत्खनन और क्रेसिंग कारोबार खनिज विभाग को डेढ़ लाख रुपये प्रति महीना पहुंचाने पर संचालित हो पा रहा है। खास बात यह है कि क्रेशर के नीचे पड़े अधिकतम 1500 घन मीटर माल को उठाने के लिए खनिज विभाग ने समय अवधि नहीं दी है। इसलिए खनिज कारोबारी उपाध्याय का कहना है कि वह अपना माल लीज अवधि 30.6.2019 तक कभी भी उठा सकते हैं।    

इनका कहना है

‘पूर्व में ‘स्वदेश’ में प्रकाशित समाचार के आधार पर शंकरपुर क्षेत्र में खनिज टीम भेजी थी। खनिज अधिकारी को वहां उत्खनन और क्रेसिंग होती नहीं मिली थी। राजस्व के किसी अधिकारी को औचक रूप से भेजकर चैक कराता हूँ। अवैध उत्खनन और क्रेसिंग पाई जाएगी तो संबंधित क्रेशरों को सीज कराया जाएगा’

राहुल जैन
जिलाधीश ग्वालियर

‘हमारी लीज अवधि 30 जून 2019 तक है। पर्यावरण की अनुमति नहीं होने के कारण खदान से उत्खनन और क्रेसिंग बंद है। हमें माल उठाने की अनुमति खनिज विभाग से मिली है। पहले माल कितना था, कितना उठाया है और वर्तमान में कितना रखा है यह मैं अभी नहीं बता सकता।’

लक्ष्मीनारायण उपाध्याय
खनिज कारोबारी, शंकरपुर

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