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आपराधिक मामलों में फंसे नौकरशाह नहीं जा सकेंगे विदेश

Update: 2018-04-01 00:00 GMT

नई दिल्ली | आपराधिक या भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों का सामना कर रहे सरकारी अधिकारियोंको पासपोर्ट के लिए सतर्कता मंजूरी (विजिलेंस क्लीयरेंस) नहीं दी जाएगी। इस तरह उन्हें विदेश जाने से रोक दिया जाएगा। इस संबंध में कार्मिक मंत्रालय ने नए दिशा-निदेर्शों को अंतिम रूप दिया है। हालांकि संबंधित विभाग ऐसे अफसरों के लिए अत्यधिक आपात स्थिति जैसे मेडिकल इमरजेंसी में विदेश यात्रा के लिए विचार कर सकता है।

कार्मिक मंत्रालय के केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों के सचिवों को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार पासपोर्ट के लिए सतर्कता मंजूरी रोकी जा सकती है जब कोई सरकारी अफसर किसी जालसाजी का हिस्सा हो या भ्रष्टाचार के मामले में उसके यहां छापेमारी होनी हो या फिर और कोई जांच लंबित हो। सरकारी अफसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने या किसी सरकारी विभाग के मामला दर्ज करने अन्यथा प्रारंभिक जांच के बाद निलंबन होने की स्थिति में भी उसे सतर्कता मंजूरी न देकर विदेश यात्रा से रोका जा सकता है। सतर्कता मंजूरी तब भी रोकी जा सकती है जब सरकारी अफसर के खिलाफ किसी कोर्ट में जांच एजेंसी की ओर से आरोपपत्र दायर होता है। सरकारी अफसर के खिलाफ अभियोजन पक्ष की ओर से भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के तहत कार्रवाई या फिर किसी अन्य मामले में आपराधिक कार्रवाई के अलावा अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित होने पर भी सतर्कता मंजूरी रोकी जा सकती है।

मंत्रालय ने कहा कि सतर्कता मंजूरी तब नहीं रोकी जानी चाहिए जब एफआईआर किसी निजी शिकायत पर आधारित हो। अगर निजी शिकायत पर आधारित एफआईआर में आरोप पत्र दायर हो जाता है तो न्यायालय के दिशा-निर्देश के अनुसार ही सतर्कता मंजूरी पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि एफआइआर की जानकारी पासपोर्ट आफिस को जरूर देनी होगी। तब इस संबंध में अंतिम निर्णय पासपोर्ट आफिस की पासपोर्ट जारी करने वाली अथारिटी ही लेगी। सिविल सेवा अफसरों को भारतीय पासपोर्ट के लिए सतर्कता मंजूरी लेनी होगी।

ऐसे भी हालात हो सकते हैं कि किसी सरकारी अफसर को विदेश में रह रहे उसके बच्चों (शिक्षा या अन्य मकसद) के लिए मिलने के लिए जाना पड़े। सरकारी अफसर को उनकी चिकित्सा के लिए भी खुद विदेश जाने की आवश्यकता पड़ सकती है। सामान्य स्थितियों में तो आरोपित सरकारी अफसर के पासपोर्ट को सतर्कता मंजूरी नहीं दी जाएगी लेकिन अगर विदेश जाना अत्यधिक जरूरी है जैसे मेडिकल इमरजेंसी के लिए तो उनके आवेदन पर विचार किया जा सकता है।

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