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उज्जैन के प्रसिद्ध संत मौनी बाबा का 110 वर्ष की उम्र में निधन

Update: 2018-03-03 00:00 GMT

उज्जैन । लम्बे समय से बीमार चल रहे उज्जैन के प्रसिद्ध संत मौनी बाबा का 110 वर्ष की उम्र में शनिवार को सुबह पुणे के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शोक की लहर दौड़ गई। बताया जा रहा है कि उनका पार्थिक शरीर पुणे से शनिवार शाम तक उज्जैन पहुंचेगा और रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मंगलनाथ रोड पर क्षिप्रा नदी के किनारे मौनी बाबा का आश्रम है| वहां वे साल में केवल दो बार गुरु पूर्णिमा और उनके जन्मदिन 14 दिसम्बर को दर्शन देते थे| वह अधिकांश समय एकांत में ही बिताते थे। करीब एक महीने से वे बीमार चल रहे थे| उनका पुणे के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था, जहां शनिवार को सुबह उन्होंने 110 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। जानकारी के मुताबिक, उनका पार्थिक शरीर शाम को उज्जैन पहुंचेगा। रविवार को उनके आश्रम में उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और उसके बाद अंतिम संस्कार होगा।

उल्लेखनीय है कि करीब सात दशक पहले मौनी बाबा ने क्षिप्रा तट पर एक पेड़ के नीचे अपना डेरा जमाया था और धीरे-धीरे वहां उनका आश्रम बन गया| लगातार उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई। उनके अनुयायियों में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, यूपी के वरिष्ठ नेता अमर सिंह जैसे हजारों लोग शामिल हैं। गौरतलब यह भी है कि मौनी बाबा अपनी तंत्र-मंत्र विद्या के लिए ख्यात थे और बीते 80 वर्षों से उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। इस दौरान उन्होंने किसी से कोई बात नहीं की थी। ऐसे परम तेजस्वी संत के निधन से उज्जैन शहर में शोक की लहर छा गई है।

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