पराली जलाकर धरती मां का नुकसान न करें: मोदी

Update: 2018-03-17 00:00 GMT


नई दिल्ली।
कृषि अनुसंधान संस्थान, आईएआरआई पूसा परिसर में लगे कृषि उन्नति मेला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे पराली जलाकर धरती मां का नुकसान न करें। इस दौरान पीएम मोदी ने कृषि कर्मण और पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार भी बांटे। किसानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि आजादी के बाद जब देश को जरूरत थी तो किसानों ने बेहतर अनाज उत्पादन किया। आज भी रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। देश में आज किसानों के सामने चुनौतियां है, लेकिन हम उनकी आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों का जीवन सरल करने की कोशिश कर रहे हैं। यूरिया की नीम कोटिंग से अनाज उत्पादन बढ़ा है। फसल बीमा के जरिए प्रति किसान मिलने वाली राशि दोगुना से ज्यादा हो गई है।

मोदी ने कहा कि किसान खेतों की मेढ़ों पर सोलर पैनल लगाकर अपने पंप चलाने के लिए बिजली पैदा कर सकते हैं। अगर जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो तो इसे सरकार को भी बेच सकते हैं। इससे भी आय बढ़ेगी। किसान बॉयोगैस प्लांट बनवाएं और इससे ईंधन का उत्पादन करें। देश में आज एक गलत परंपरा शुरू हो गई है, पराली जलाने की। हम धरती मां को परेशान कर रहे हैं। जब हम इसे जलाते हैं तो वो धरती की पैदावर क्षमता खत्म होने लगती है। अगर हम पराली को खेत में मिले दें तो धरती की पैदावर क्षमता बढ़ेगी। किसान भाइयों से अपील करता हूं कि वो पराली जलाकर धरती मां को नुकसान नहीं करें।

उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं और किसानों को गुमराह कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि किसानों को अपनी सफल बेचने के लिए दूर-दूर ना जाना पड़े। इस बजट में गांवों के हाट को टेक्नोलॉजी से जोडऩे का प्रावधान है। किसान इन हाटों में भी फसल को सीधे बेंच सकता है। कसान अपने छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी छोटे हाटों और अनाज मंडियों से जुड़ सकते हैं। मोदी ने कहा कि आज सरकार ने देश में नए 25 कृषि विज्ञान केंद्र शुरू किए हैं और पुराने केंद्रों को भी मॉडर्न बनाया जा रहा है।

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