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दिन भर लगा रहता है लड़के-लड़कियों का जमावड़ा

Update: 2018-03-16 00:00 GMT

मौत को दावत दे रही हैं किले की टूटी दीवारें

ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर का किला शहर का प्रमुखतम स्मारक है। इस किले को देखने के लिए देश-विदेश से लोग भी यहां आते हैं। वहीं स्थानीय लोगों का भी तांता दिन भर लगा रहता है। इस किले का निर्माण आठवीं शताब्दी में राजा मानसिंह तोमर ने किया था, लेकिन आज यही किला लोगों के लिए मौत का किला साबित हो रहा है। इसका कारण किले की टूटी हुई दीवारें हैं, जिनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। वहीं दूसरी ओर इस किले के कुछ सूनसान क्षेत्रों में दिन भर लड़के-लड़कियों का जमावड़ा भी लगा रहता है, जिनकी हरकतों को देखकर सभ्य परिवारों के लोग उन जगहों पर जाने से कतराते हैं।

पुरातत्व विभाग नहीं कर पा रहा रखरखाव

ग्वालियर किले की दीवारें जगह-जगह टूटी हुई हैं। इन टूटी हुई दीवारों के नीचे गहरी-गहरी खाइयां हैं, जिनको देखने मात्र से ही चक्कर आने लगते हैं। इन टूटी हुई दीवारों के आसपास दिन भर लड़के-लड़कियां बैठे रहते हैं, जो आपत्तिजन हरकतों के साथ आपराधिक घटनाओं को भी अंजाम देते हैं। पुरातत्व विभाग की ओर से न तो इन दीवारों को दुरुस्त कराया जा रहा है और न ही ऐसे स्थानों पर लड़के-लड़कियों को बैठने से रोका जा रहा है। इन क्षेत्रों में आने वाले लड़के-लड़कियों का जमावड़ा सुबह 11 बजे से लेकर दिन भर लगा रहता है।

 

 

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