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नवाज से मिल सकते हैं प्रधानमंत्री तो क्या मुझसे नहीं मिल सकते : तोगड़िया

Update: 2018-03-14 00:00 GMT

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का समय मांगा है। तोगड़िया ने कहा कि पिछले 12 सालों से उनका नरेन्द्र मोदी से संवाद नहीं हुआ है। पर वे अपने मोटा भाई(बड़े भाई) से हाथ जोड़कर मिलना चाहते हैं। हांलाकि इसके साथ ही तोगड़िया ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘वे नवाज़ शरीफ से मिल सकते हैं तो क्या मुझसे नहीं मिल सकते?’

विश्व हिन्दू परिषद् के नेता पिछले कई अवसरों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखे हमले किए थे और निजी आरोप लगाए थे। एक मामले में राजस्थान पुलिस की कार्रवाई के संदर्भ में उन्होंने उनकी हत्या किए जाने की बात कही थी। इसके बाद उनके साथ हुए एक सड़क हादसे के समय भी उन्होंने हत्या की साजिश के आरोप को दोहराया था। 

इस सारे घटनाक्रम के बाद दिल्ली में पहली बार प्रेसवार्ता करते हुए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिन्दू परिषद के साझा मुद्दों को वर्तमान मोदी सरकार द्वारा अनदेखा किए जाने का आरोप लगाया। श्री तोगड़िया ने प्रधानमंत्री को बड़ा भाई कहकर संबोधित करते हुए उनके साथ पारिवारिक संबंधों और उनके घर खाना खाने को बार-बार दोहराया। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई। लेकिन उसके बाद दोनों के बीच दूरियां पैदा हो गई। 

उन्होंने कहा कि वे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को चेताने आए हैं कि अब 1 साल का ही समय शेष रह गया है। तोगड़िया का कहना है कि वर्तमान सरकार मुद्दों से भटक गई है। इसमें राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता के अलावा बेरोजगारी और किसानों व मज़दूरों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। इन्हीं मुद्दों को स्मरण दिलाने के लिए वह 12 साल बाद फिर श्री मोदी से संवाद कायम करना चाहते हैं। 

श्री तोगड़िया ने कहा कि देश में भाजपा सरकार के साथ रामराज्य लाने का सपना संघ विचार परिवार ने देखा था। वर्तमान सरकार को चार साल हो गए हैं लेकिन अब वह सपना टूटता और बिखरता हुआ दिखाई दे रहा है। अब भी समय है, एक साल चुनाव को बाकी है। श्री तोगड़िया ने आगे कहा कि जनमत जुटाकर वोटिंग मशीन से परिणाम पाना अलग विषय है। जरूरत है कि अाप चुनाव जीतने के बाद अपने द्वारा किए गए वादों पर खरे उतरें।

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