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वेदों ने हज़ारो साल पहले से ही सूर्य को विश्व की आत्मा माना: मोदी

Update: 2018-03-11 00:00 GMT

नई दिल्ली। चार दितसीय भारत दौरे पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों आज राष्ट्रपति भवन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट) सम्मेलन में शामिल हुए। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया।

इस सोलर समिट में 23 देशों के राष्ट्राध्यक्षों सहित 121 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। मैक्रों के उद्भाटन भाषण के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। समिट का उद्देश्य यहां शिरकत करने वाले देशों को सस्ती, स्वच्छ और और नवीकरणीय ऊर्जा मुहैया कराना है।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेशनल सोलर अलायंस का नन्हा पौधा आप सभी के सम्मिलित प्रयास और प्रतिबद्धता के बिना रोपा ही नहीं जा सकता था। इसलिए मैं फ्रांस का और आप सबका बहुत आभारी हूं। 121 सम्भावित देशों में से 61 इस अलायंस से जुड़ चुके हैं और 32 देशों ने रूपरेखा समझौते पर सहमति जता दी है।

इस दौरान पीएम मोदी ने आगे कहा, भारत में सूर्य को विश्व की आत्मा माना गया है और पूरे जीवन का पोषक माना गया है। आज जब हम जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने का रास्ता देख रहे हैं, तो प्राचीन समय की तरफ देखना होगा। हमारा हरित भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम साथ मिलकर क्या कर सकते हैं।

भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है। हम 2022 तक इससे 175 गीगा वाट बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 गीगा वाट बिजली सौर से होगी।

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