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आंखों में आंसू भरकर बोले मजदूर, साहब काम बंद हुआ तो हम क्या खाएंगे ?

Update: 2018-03-10 00:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। शहर में व्याप्त पेयजल संकट और गिरते भूजल संकट को देखते हुए नगर निगम ने पूरे शहरी क्षेत्र में जहां निर्माण कार्यों पर सख्ती से रोक लगा दी है। वहीं इस आदेश का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ नगर निगम ने तुड़ाई की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।

नगर निगम के इस सख्त कदम से जहां पानी की बर्बादी को रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भवन निर्माण कार्य में लगे मजदूर वर्ग के सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा है। नगर निगम ने एक मार्च से 31 जुलाई तक शहर में सभी प्रकार के भवन निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी है। निगम के इस आदेश से अब पांंच माह तक मजदूर वर्ग के सामने विकट संकट आ खड़ा है।

नगर निगम का अमला जहां पर भी पहुंचता है, वहां काम करने वाले मजदूर आंखों में आंसू भरकर कहने लगे हैं कि साहब, अगर निर्माण कार्य रोक दिया गया तो हम खाएंगे क्या। वहीं दूसरी ओर नगर निगम के कुछ शातिर अधिकारी अपनी जेबें गर्म कर भवन निर्माण करने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रहे है। जिससे जहां एक ओर पानी की बर्बादी हो रही है, वहीं न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर में ऐसे कई इलाके हैं जहां रोक के बावजूद भी निर्माण कार्य किया जा रहा है।

शुक्रवार को मदाखलत अधिकारी महेन्द्र शर्मा, क्षेत्राधिकारी  अमित गुप्ता, राकेश कश्यप जब पाम रेजीडेंसी शरद गर्ग ओहदपुर, डीबी सिटी मयंक गर्ग सचिन तेन्दुलकर मार्ग, सृष्टी अपार्टमेंट सचिन तेन्दुलकर मार्ग एवं  शारदा गोयल हुरावली द्वारा किए जा रहे बहुमंजिला भवन निर्माण को बंद कराने पहुंचे तो वहां पर भवन स्वामी, ठेकेदार व मजदूर को निगम अधिकारियों ने काम बंद करने की हिदायत दी।

इस दौरान कई मजदूरों ने निगम अधिकारियों का घेराव करते हुए कहा कि आप तो काम बंद करवा रहे हो, अगर काम बंद हो जाएगा तो हमारे बच्चों को क्या होगा। हम लोग मजूदरी नहीं करेंगे तो हमारे बच्चे क्या खाएंगे। जिस पर निगम अधिकारी चुपचाप मजदूरों की बाते सुनते रहे।  

हम लोग कुछ नहीं कर सकते है निगमायुक्त का आदेश लेकर आओ

सिटी सेंटर में राजेन्द्र निगोतिया एवं संजीव निगोतिया द्वारा भवन के एमओएस में अवैध निर्माण कराया जा रहा था, जैसे ही निगम का अमला वहां पहुंचा, तो भवन स्वामी वहां पर कार्रवाई रोकने की बात कहने लगे। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि आप कार्रवाई के बीच में न आएं, आप निगमायुक्त के पास जाकर हमे आदेश दिखा दें, हम कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। जिस पर भवन स्वामी ने लिखित में आवेदन देते हुए कुछ समय मांगा व खुद ही तुड़ाई करने की बात कही। 

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