SwadeshSwadesh

पोलैंड से आए पर्यटक का दुर्घटना में टूटा पैर, जयारोग्य में मिला उपचार

Update: 2018-02-28 00:00 GMT

अस्पताल प्रबंधन ने उपचार के बाद एम्बुलेंस से खजुराहो किया रवाना

ग्वालियर ।
  पोलैंड से अपनी पत्नी और बेटे के साथ भारत घूमने आए एक विदेशी पयर्टक का पैर गड्ढे में गिरने के कारण टूट गया। जिसका उपचार जयारोग्य चिकित्सालय में किया गया। लेकिन पैसे और बीजा खत्म हो जाने के कारण पर्यटक को  अस्पताल प्रशासन ने खजुराहो तक पहुंचाया। दरअसल पोलैंड निवासी वालेसलो अपनी पत्नी क्रिस्टीना और बेटे ग्रेगो के साथ भारत घूमने आए थे। 25 फरवरी को वह खजुराहो में बनी  प्रतिमाओं की फोटो खींचते समय एक गड्Þढे में गिर पड़े थे, जिस कारण उनके बाएं पैर में  फ्रेक्चर हो गया , वहीं वालेसलो और उनकी पत्नी को अंग्रेजी नहीं आती थी, सिर्फ उनका बेटा ही अंग्रेजी में बात कर सकता था। खजुराहो में कुछ लोगों ने उनकी मदद करते हुए 108 एम्बुलेंस से जयारोग्य के ट्रॉमा सेन्टर तक पहुंचाया। विदेशी पर्यटक के आने की सूचना मिलने पर आॅर्थोपेडिक के डॉ. आर.के.एस. धाकड़ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और हालत देखते हुए उसका तत्काल आॅपरेशन किया। डॉ. धाकड़ के साथ आॅपरेशन के दौरान सहायक प्राध्यापक अभिलेख मिश्रा, एसआर डॉ. सोनेंद्र शर्मा, जूनियर चिकित्सक डॉ. संजीव महावर थे। जिन्होंने आॅपरेशन कर वालेसलो के पैर में रोड डाली। आॅपरेशन के बाद जब पर्यटक को मंगलवार की सुबह चिकित्सक देखने पहुंचे तो उनके बेटे ने बताया कि उनका बीजा 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है और उनके पास पैसे भी नहीं हैं, इसलिए वह किसी भी तरह उन्हें खजुराहो तक पहुंचा दें। लेकिन डॉ. धाकड़ ने पर्यटक की स्थिति देखते हुए छुट्टी करने से मना कर दिया। चिकित्सकों का कहना था कि मरीज की हालत अभी ठीक नहीं है, इसलिए  छुट्टी नहीं कर सकते। इस पर पर्यटक के परिजनों ने बताया कि वह किसी भी हालत में अब रूक नहीं सकते, क्योंकि 28 फरवरी को दिल्ली से उनकी हवाई यात्रा है। इसके बाद डॉ. धाकड़ ने उनसे लिखवाया कि वह अपनी मर्जी से छुट्टी कराना चाहते हैं। वहीं शाम को अस्पताल अधीक्षक डॉ. जे.एस. सिकरवार ने एम्बुलेंस का इंतजाम कराया और खजुराहो के लिए रवाना किया। हालांकि डॉ. धाकड़ ने छुट्टी करने से पहले अपना मोबाइल नंबर और मेल आईडी देते हुए कहा कि अगर रास्ते में कोई परेशानी आए तो वह उनसे सम्पर्क कर सकते हैं।

चिकित्सकों से कहा धन्यवाद नि:शुल्क किया उपचार
अस्पताल से जाते समय पर्यटक ने चिकित्सकों और स्टॉफ को धन्यवाद भी कहा। पर्यटक का कहना था कि चिकित्सकों ने उनकी बहुत मदद की है, साथ ही उन्हें यहां उपचार के लिए पैसे भी नहीं देने पड़े।

Similar News