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लव जिहाद मामला : सुप्रीम कोर्ट ने हदिया के हलफनामे पर सभी पक्ष से मांगा जवाब

Update: 2018-02-22 00:00 GMT

नई दिल्ली। केरल लव जिहाद मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को हदिया के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों से 8 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
आज सुनवाई के दौरान हदिया के पिता केएम अशोकन ने कहा कि शफीन जहां ने लड़की से शादी केवल इसलिए की ताकि वह कोर्ट के चंगुल से बच सके। लड़की के पिता ने शफीन जहां पर मानव तस्करी का आरोप लगाया। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शादी की वैधता और आतंकी संगठन से संबंध दो अलग-अलग चीजें हैं।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि सवाल यह है कि क्या हाईकोर्ट दो लोगों की सहमति से की गई शादी को शून्य करार दे सकता है और क्या शादी की जांच हो सकती है। सुनवाई के दौरान एनआईए ने हदिया के हलफनामे में लगाए गए आरोपों को खारिज करने की मांग की। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को हदिया के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। हदिया के पिता ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को सही बताया और कहा कि ये शादी लड़की को देश से बाहर ले जाने के मकसद से की गई है। बतादें कि कल यानि 21 फरवरी को हदिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट से हदिया के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए और समय मांगते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से आज होने वाली सुनवाई को टालने का आग्रह किया था लेकिन उनकी इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 

पिछले 20 फरवरी को हदिया ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म स्वीकार करने और पति के साथ रहने की इच्छा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। अपने हलफनामे में हदिया ने इन आरोपों को खारिज किया कि उसके इस्लामिक स्टेट से संबंध हैं। हदिया ने कहा कि वो भारत के नागरिक के रूप में जीना चाहती है और भारतीय नागरिक के रूप में ही मरना चाहती है। अपने हलफनामे में उसने दावा किया है कि वो दिमागी रूप से स्वस्थ है। 
अपने हलफनामें में हदिया ने यह भी कहा कि हमने इस्लाम धर्म अपनाकर शफीन जहां से अपनी मर्जी से शादी की है। हलफनामे में कहा गया है कि अपने धर्म और अपने पति के बारे में मैंने खुद औऱ अपने वकील के जरिये केरल हाईकोर्ट को भी बताया था लेकिन केरल हाईकोर्ट ने मेरी एक बात नहीं सुनी। अपने हलफनामे में हदिया ने मांग की है कि उसके पति शफीन जहां को उसका अभिभावक नियुक्त किया जाए।

हदिया ने अपने पिता केएम अशोकन के बारे में बताया कि वह एक नास्तिक व्यक्ति हैं और जब हमने इस्लाम धर्म अपनाया तो उन पर कुछ लोगों ने दबाव डाला जिसकी वजह से उन्होंने हमारी शादी का विरोध किया। हलफनामे में हदिया ने कहा है कि हमारे पिता को सरकारी और गैर सरकारी सभी प्रकार से भड़काया गया औऱ हमें प्रताड़ित किया गया। उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जानी चाहिए। हलफनामे में जांच एजेंसी एनआईए पर आरोप लगाया गया है कि वो झूठा प्रचार कर रही है कि हमारा रिश्ता आईएस जैसे आतंकी संगठन से है। इसे लेकर हमारा मीडिया ट्रायल भी किया जा रहा है। एआईएन के कुछ अधिकारी हमारे साथ अपराधियों और आतंकियों जैसा सलूक करते हैं। हम अपने माता-पिता से घृणा नहीं करते हैं औऱ उनका हमारे जीवन पर बड़ा एहसान है। उन्हें मैं कभी भी बेचारा बनकर नहीं देखना चाहती। 

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लड़की हदिया को भी एक पक्षकार बनाने की इजाजत दे दी थी। हदिया के पति शफीन जहां के वकील कपिल सिब्बल ने हदिया को एक पक्षकार बनाने की मांग की थी। कोर्ट ने हदिया को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था जिसके बाद हदिया ने अपना हलफनामा दाखिल किया।

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