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वाराणसी से बेहतर रेल कनैक्टिविटी से बढ़ेगा पर्यटन

Update: 2018-02-20 00:00 GMT

नई दिल्ली । रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि कैबिनेट ने 116.95 किलोमीटर लंबी वाराणसी डिविजन के भटनी-औड़िहार लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि इससे वाराणसी के लिए बेहतर कनैक्टिविटी हो जाएगी जिससे पर्यटन बढ़ेगा। 1300.9 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है। 

रेलमंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वाराणसी जिला को प्राय: देश की आध्यात्मिक राजधानी कहा जाता है। यहां से यातायात में सुगमता होने से तीर्थस्थान, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी। इस निर्माण कार्य के दौरान लगभग 28.07 लाख दिनों का रोजगार सृजित होगा। ये परियोजना उत्तर प्रदेश में देवरिया, बलिया, मऊ और गाज़ीपुर जिलों को कवर करेगी। मुगलसराय-नैनी-इलाहाबाद रेलमार्ग के दोहरीकरण से पूर्वी भारत विशेषरूप से बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र के यात्रियों को लाभ मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि औड़िहार स्टेशन वाराणसी मंडल का जंक्शन स्टेशन है, जो औड़िहार-छपरा, औड़िहार-भटनी, औड़िहार-जौनपुर और औड़िहार-वाराणसी से चारों दिशाओं से जुड़ा हुआ है। इस लाइन की मौजूदा क्षमता उपयोगिता 118 प्रतिशत है। इसके कारण यहां यातायात धीमी रहता है। दोहरीकरण परियोजना से तेज गति सुनिश्चित होगी| गाड़ियों के विलंब में कमी आएगी| रेलपथ/ब्लॉक अनुरक्षण के लिए अधिक समय मिलने से संरक्षा में संवर्धन होगा और यातायात में बढ़ोतरी के लिए अतिरिक्त क्षमता मिलेगी।

उत्तर मध्य रेलवे का इलाहाबाद-नैनी-मुगलसराय मार्ग बहुत व्यस्त मार्ग है| इससे मुगलसराय पर भारी जाम होता है। इस मार्ग का दोहरीकरण होने से यातायात मुगलसराय-नैनी-इलाहाबाद मार्ग पर शिफ्ट हो जाएगा और इस मार्ग का यातायात दबाव कम हो जाएगा। इससे पूर्वी भारत विशेष रूप से बिहार, पश्चिहम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र के यात्रियों को लाभ मिलेगा।

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