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जाट आरक्षण समिति से हरियाणा सरकार की बातचीत सफल,कई मुद्दों पर बनी सहमति

Update: 2018-02-13 00:00 GMT

नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री हरियाणा मनोहर लाल खट्टर और केन्द्रीय मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने रविवार शाम जाट आरक्षण समिति के प्रतिनिधियों से दिल्ली के हरियाणा भवन में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि 36 बिरादरियों मे मेल-जोल को बनाए रखने तथा सभी वर्गों को सामाजिक न्याय दिलवाने के प्रति उनकी सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता है। इसके चलते आरक्षण आन्दोलन के दौरान जो मुकदमें दर्ज किये गये थे उन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में रहते हुए सरकार वापिस ले लेगी।

खट्टर ने कहा कि जाट एवं पांच अन्य जातियों को आरक्षण देने बारे माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार, 31 मार्च 2018 से पहले हरियाणा सरकार सभी आकंडे़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को उपलब्ध करवायेगी ताकि आरक्षण दिये जाने बारे अंतिम निर्णय जल्दी हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का यह दृढ़ निश्चय है कि जहां हर वर्ग को उनका न्यायोचित अधिकार मिले, वहीं किसी भी वर्ग के अधिकारों का हनन न हो। ऐसा होने से सामाजिक सौहार्द ओर भाईचारा मजबूत होता है।

बैठक के दौरान भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्य सभा सदस्य भूपेन्द्र यादव ने आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार संसद के आगामी स़त्र में केन्द्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग बिल को पारित करवाने को प्रतिबद्ध है तथा वे आशा करते है कि कांग्रेस पार्टी भी इस बिल का समर्थन करेगी। आपसी भाईचारा बनाए रखना हरियाणा की गौरवशाली राजनैतिक एवं सामाजिक परम्परा है। एक दूसरे के राजनैतिक आयोजनों में व्यवधान डालना हमारे व्यवहार में कभी भी शामिल नहीं रहा है। 

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