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23 देशों से 141 भारतीय मूल के सांसद जुटेंगे, 'प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन' कल

Update: 2018-01-08 00:00 GMT

नई दिल्ली। भारत सरकार पहली बार भारतीय मूल या विदेशों में बसे भारतीय, जो वहां के देश में सांसद या महापौर बने हैं, उन लोगों का पहला सम्मलेन नई दिल्ली में मंगलवार, 9 जनवरी को आयोजित कर रही है। इस प्रथम प्रवासी सांसद सम्मेलन में 23 देशों से 141 सांसद और महापौर ने अपनी सहमति दे दी है।

नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करेंगे। इसके बाद विभिन्न विषयों पर सत्रों का आयोजन होगा। एक सत्र भारतीय मूल के लोगों के आम व्यक्ति से संसद तक के संघर्ष को लेकर केंद्रित होगा। उसकी अध्यक्षता संसद के उच्च सदन राज्यसभा के उप-सभापति करेंगे। इस सत्र में संसद की विदेश मामलों पर स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं सांसद शशि थरूर करेंगे। दूसरा सत्र उभरता भारत और उसमें भारतीय मूल के सांसदों के योगदान पर होगा। इसकी अध्यक्षता संसद के निम्न सदन, लोकसभा के डिप्टी स्पीकर करेंगे| भारत सरकार के संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार विशेष अतिथि होंगे। सम्मेलन के अंत में प्रवासी सांसदों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और राज्यसभा के सभापति एवं उप-राष्ट्रपति एम वैंकया नायडू संबोधित करेंगे।

विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी एंड ओआईए) धनेश्वर मुले ने बताया कि भारत सरकार ने पूरी दुनिया में भारतीय मूल के संसद सदस्यों एवं महापौर को आमंत्रित किया है। इसका उद्देश्य उन तमाम पॉलिसी मेकर्स को उनकी अपनी माटी से मुलाकात करवाना है। इस सम्मेलन के जरिए हम भारतीय मूल के संसद सदस्यों एवं महापौर को पिछले कुछ वर्षों में भारत में हुई प्रगति से रूबरू करवाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि भारतीय मूल के इन जनप्रतिनिधियों के द्वारा हम पूरी दुनिया में भारत की प्रगति की मौजूदा तस्वीर पहुंचा सकें। इससे विदेशों में रह रहे भारतीय और भारतीय मूल के लोग अपनी माटी को लेकर गर्व महसूस करें और आत्मविश्वास से भरपूर हों। वर्तमान में पूरी दुुनिया में तकरीबन 3 करोड़ 12 लाख भारतीय और भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं। भारतीय मूल के 270 से ज्यादा संसद सदस्य और महापौर दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में संसद और विभिन्न संवैधानिक संस्थाओं में अहम पदों पर हैं।

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