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एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक ने संभाली केडी हास्पीटल में जिम्मेदारी

Update: 2018-01-05 00:00 GMT

मथुरा। आधुनिक लाइफ स्टाइल ने मनुष्य की जीवन शैली को बदल डाला है। भाग-दौड भरी जिंदगी में मानव ने शरीर को मशीन बना दिया है। शरीर की देखभाल करना तो दूर उसे उचित भोजन और आराम तक नहीं दिया जा रहा है। जिसका परिणाम है कि शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द का हो जाना। असहनीय पीड़ा के चलते न खाना अच्छा लगता है और न नींद ही आ पाती है। इससे मानव में क्रोनिक पेन की कई बीमारियां घर कर लेती हैं।

ऐसा कहना है दिल्ली के एम्स हास्पीटल में 38 वर्ष सेवा देने के बाद वहां से अवकाश प्राप्त एनएच-टू अकबरपुर स्थित केडी हास्पीटल में सेवा देने आए डा. एपी भल्ला का। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की चिकित्सा सुरक्षा में शामिल रहे डा. भल्ला ने बताया कि बदली लाइफ स्टाइल और भागमभाग जिंदगी के चलते लोगों में सर्वाइकल पेन, पीठ दर्द, शाल्डर्स पेन, साइटिका, माईग्रेन, सिरदर्द जैसे कई प्रकार के दर्द हो जाते हैं।

वह मानते हैं कि इन सभी प्रकार के दर्दों के होने के अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि दर्द के इन रोगों का इलाज ऐलोपैथी में काफी बेहतर है। अफ्रीका के आधा दर्जन से अधिक राष्ट्राध्यक्षों का इलाज कर चुके डा. अमर पाल भल्ला ने कहा कि एक एनेथिएस्ट होने के नाते वे ब्रजवासियों की शारीरिक पीड़ा के इलाज के रुप में बेहतरीन सेवा करना चाहते हैं। जो वह अपने अनुभव और काबिलयत के बलबूते पर करेंगे।

70 देशों में कर चुके हैं लोगों का इलाज
मथुरा। सीएमसी लुधियाना से स्नातक डा. अमर पाल भल्ला ने पोस्टग्रेजुएशन आल इंडिया इंस्टीटयूट आफ मेडिकल साइंस यानी कि एम्स से 1982 में किया है। इसके बाद से 1985 तक वे जयपुर के सवाई मान सिंह हास्पीटल में एनेस्थिया एंड क्रिटीकल पेन केयर विभाग के इंचार्ज रहे हैं। वे चिकित्सा करने के लिए अब तक 70 देशों की विजिट कर चुके हैं।

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