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जज के आवास पर गलती से छापा मारने वाले सीबीआई अफसरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त

Update: 2018-01-05 00:00 GMT

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के जज जस्टिस सीआर दास के आवास पर सीबीआई छापा मारने वाले सीबीआई अफसरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कर दिया है। सीबीआई द्वारा मांगी गई माफी को जस्टिस सीआर दास द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियोजन को अब एफआईआर वापस ले लेना चाहिए।

पिछले 4 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई छापा मारनेवाले सीबीआई अफसरों की आलोचना की थी। जस्टिस एके सिकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि छापे के पहले सीबीआई अफसरों को नेम प्लेट जरुर देखना चाहिए था। उन्हें ये जरुर पता करना चाहिए था कि जिस आवास पर छापा मारने जा रहे हैं वो सीटिंग जज का है या रिटायर्ड जज का ।

एएसजी तुषार मेहता ने 4 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सीबीआई और उड़ीसा के सिटी एसपी की ओर से माफी मांगी थी। तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई जस्टिस आईएस कुद्दुसी की तलाश में गई थी। पिछले 11 अगस्त को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जस्टिस सीआर दास से माफी मांगी है।

सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कोर्ट के समक्ष सीबीआई का हलफनामा दाखिल किया था। हलफनामे में कहा गया था कि सीबीआई छापे के दौरान पूर्व चीफ जस्टिस आइएम कुद्दुसी के आवास पर रिश्वतखोरी के मामले में छापा मारने गई थी। सीबीआई का जस्टिस दास के आवास पर छापा मारने का कोई इरादा नहीं था। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से आपसी सहमति से मामले को सुलझाने को कहा था। कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के वकील को ये वेरिफाई करने को कहा कि सीबीआई ने बिना शर्त माफी मांगी है कि नहीं। 

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